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कोरोना के मामले बढ़ने के बाद भी हालात नियंत्रण में-शर्मा

डॉ. रघु शर्मा ने राज्य में कोरोना के मामले बढ़ने के बाद भी हालात नियंत्रण में बताते हुए विश्वास व्यक्त किया है कि आगामी जून तक संक्रमण के ग्राफ को नीचे लाने में सफलता प्राप्त हो सकेगी।

कोरोना के मामले बढ़ने के बाद भी हालात नियंत्रण में-शर्मा
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जयपुर। राजस्थान के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने राज्य में कोरोना के मामले बढ़ने के बाद भी हालात नियंत्रण में बताते हुए विश्वास व्यक्त किया है कि आगामी जून तक संक्रमण के ग्राफ को नीचे लाने में सफलता प्राप्त हो सकेगी।

डा शर्मा ने कहा कि प्रदेश में कोरोना को लेकर योजनाबद्ध और माइक्रो स्तर पर काम हो रहा है और राज्य में मामले बढ़ने के बाद भी कोरोना नियंत्रण में है। उन्होंने बताया कि सरकार की सर्तकता के चलते ही केंद्र सरकार ने भी जयपुर को कोरोना की रोकथाम में रोल मॉडल माना है। उन्होंने बताया कि जहां हर काम पूरे योजनाबद्ध माइक्रो मैनेजमेंट के साथ हो रहा हो। स्वयं मुख्यमंत्री छोटी-छोटी बातों को लेकर सजग हैं, लगातार अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए पल-पल की खबर ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में भले ही पॉजिटिव केसेज बढ़ जाएं लेकिन इसे नियंत्रण करने के दिशा में हम आगे बढ़ रहे हैं।

उन्होंने बताया कि प्रदेश के 32 जिलों में कोरोना संक्रमित मिले हैं, इनमें से बारह वे जिले हैं जो ग्रीन से रेड जोन में तब्दील हो गए। उन्होंने कहा कि सरकार ने सजगता से आने वालो को संस्थागत और होम क्वारेंटाइन सुविधाएं दी है। अनुशासन से 14 दिनों के क्वारेंटाइन अवधि का पालन कर रहे हैं। इसे देखकर लगता है कि आने वाले दिनों कोरोना पीड़ितों को बढ़ा ग्राफ स्थिर हो जाएगा। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि आगामी जून तक संक्रमण के ग्राफ को नीचे लाने में सफलता प्राप्त हो सकेगी।

उन्होंने बताया कि जयपुर के रामंगज क्षेत्र में एक साथ कोरोना संक्रमितों के आने से स्थिति भयावह हो गई थी लेकिन सरकार ने क्षेत्र को जनसंख्या के आधार पर क्लक्टर्स में बांटकर जिस तरह रैंडम सैंपलिंग कर लोगों की श्रेणीवार पहचान की। सरकार पूरी तरह सतर्क और सजग थी, यही वजह रही कि केंद्र सरकार ने भी राज्य सरकार द्वारा किए कार्यो की तारीफ की। केंद्र सरकार ने जयपुर को उन 4 महानगरों में शामिल किया है, जहां कोरोना की रोकथाम के लिए बेहतर काम हुआ है। उन्होंने कहा कि जब सरकार इतने सधन जनसंख्या वाले क्षेत्र में कोरोना को नियंत्रित कर सकती है तो प्रदेश के अन्य हिस्सों को भी नियंत्रित किया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में 16500 जांचें प्रतिदिन करने की क्षमता विकसित कर ली है। आगामी दिनों में जांच क्षमता 25000 हो जाएगी। इसके बाद भी इसमें लगातार बढ़ोतरी की जाएगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की सभी जिला मुख्यालयों पर जांच सुविधा विकसित करने की मंशा है। इस पर व्यापक स्तर पर काम भी हो रहा है। डॉ. शर्मा ने बताया कि राष्ट्रीय औसत के मुकाबले प्रदेश में कोरोना की मृत्युदर केवल 2.2 प्रतिशत है। यही नहीं प्रदेश में कोरोना पॉजिटिव केसेज के दोगुने होने की रफ्तार भी 18 दिन ही है। प्रदेश में कोरोना पॉजिटिव मरीजों के नेगेटिव होने का रेशो भी कई राज्यों से बेहतर है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में प्रवासियों के आने के बाद पॉजिटिव मामलों में बढ़ोतरी देखी गई है। मई के बाद पॉजिटिव में से 64 प्रतिशत बाहर से आने वाले प्रवासी राजस्थानी और कामगार ही रहे।


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