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सत्ता पक्ष ने सवालों के मामले में विपक्ष को छोड़ा पीछे, रामपाल सिंह ने पूछे सर्वाधिक सवाल

मध्यप्रदेश की 15वीं विधानसभा के दौरान भारतीय जनता पार्टी विधायक रामपाल सिंह ने सवाल पूछने के मामले में विपक्ष के विधायकों को पीछे छोड़ते हुए सरकार से सर्वाधिक 390 सवाल पूछे।

सत्ता पक्ष ने सवालों के मामले में विपक्ष को छोड़ा पीछे, रामपाल सिंह ने पूछे सर्वाधिक सवाल
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भोपाल । मध्यप्रदेश की 15वीं विधानसभा के दौरान भारतीय जनता पार्टी विधायक रामपाल सिंह ने सवाल पूछने के मामले में विपक्ष के विधायकों को पीछे छोड़ते हुए सरकार से सर्वाधिक 390 सवाल पूछे।

इस विधानसभा के दौरान दिलचस्प बात ये रही कि सरकार से सवाल पूछने के मामले में सत्तारूढ़ भाजपा के जनप्रतिनिधियों ने विपक्षी दल कांग्रेस को कहीं पीछे छोड़ दिया। सर्वाधिक संख्या में सवाल पूछने वाले शीर्ष पांच विधायकों में विपक्ष के एकमात्र विधायक डॉ हीरालाल अलावा ही स्थान बना सके।

राज्य में आगामी विधानसभा चुनाव की गहमागहमी के बीच ऐसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने आज 15वीं विधानसभा (2018 से 2023 तक) के सभी विधायकों के प्रदर्शन एवं कार्यों का लेखाजोखा प्रस्तुत किया है, जिसमें ये जानकारी सामने आई है।

संस्था की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार एडीआर और मध्यप्रदेश इलेक्शन वॉच ने सूचना के अधिकार के तहत विधानसभा सचिवालय में दिए आवेदन के आधार पर ये जानकारी जुटाई है।रिपोर्ट में उन विधायकों के कामकाज का भी विश्लेषण किया गया है, जिन्होंने इस्तीफा दे दिया या वे उपचुनाव के माध्यम से निर्वाचित हुए।

रिपोर्ट में बताया गया है कि पूरी अवधि में पांच विधायकों भाजपा के कुंवरजी कोठार, हरिशंकर खटीक, दिलीप सिंह परिहार, श्याम लाल द्विवेदी और सुदेश राय का बैठकों के दौरान उपस्थिति प्रतिशत 97 फीसदी रहा।

वहीं सवाल पूछने वालों में सिलवानी विधायक और पूर्व मंत्री रामपाल सिंह इस अवधि में अव्वल रहे। इस पूरी विधानसभा की कुल अवधि में 29 हजार 484 प्रश्न पूछे गए। श्री सिंह ने इस दौरान 390 प्रश्न पूछे। भाजपा के ही यशपाल सिंह सिसोदिया 387 सवालों के साथ दूसरे नंबर पर रहे।

सबसे ज्यादा सवाल पूछने वाले विधायकों में विपक्षी दल कांग्रेस के डॉ हीरालाल अलावा (383), भााजपा के उमाकांत शर्मा (381) और राजेंद्र पांडेय (377) भी शामिल रहे। शीर्ष पांच की इस सूची में विपक्षी दल कांग्रेस का कोई दिग्गज विधायक जगह नहीं बना सका। अधिकतम संख्या में पूछे गए सवाल शहरी विकास एवं आवास, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, राजस्व, स्कूल शिक्षा और लोक निर्माण से संबंधित रहे।

पूरी 15वीं विधानसभा में कुल 140 विधेयक पेश किए गए, जिनमें से 91 प्रतिशत (127) पारित हुए।


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