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पहले जमीन अधिग्रहण की मुनादी हुई

गाजियाबाद। पहले जमीन अधिग्रहण की मुनादी हुई। फिर अवार्ड हुआ। उसके बाद मुआवजे की फाइल आगे बढ़ी। किसान को मुआवजा बांट दिया गया। कलैक्ट्रेट का रूम नम्बर 212 किसानों के लिए मानों ऐसा बैंक बन गया है जहां अपने ही पैसे के लिए धक्के खाने का जैसे रिवाज हो।
सरकारी रिपोर्ट पर गौर करें तो इस कमरे में आने वाले अधिकांश अफसर किसानों के हित के बारे में कम ही सोचते है। पांच बड़े प्रोजेक्टस के लिए 757 हेक्टेयर जमीन एक्वायर की गई।
58 गांवों के कुल 11728 किसानों की जमीन ली गई। अब तक 8535 किसानों को 2425 करोड़ का मुआवजा वितरित किया जा चुका है। 226 करोड़ का वितरण शेष है। सैकड़ों मामलों में जांच चल रही है। मण्डलायुक्त के आदेश पर मुआवजा वितरण में हुई धांधली की कविनगर थाने में एफआईआर दर्ज हो चुकी है। इसके बाद भी मुआवजा वितरण की प्रक्रिया में कोई सुधार नहीं हुआ है। अब वर्तमान अपर जिलाअधिकारी भूमि अध्याप्ति डीपी श्रीवास्तव सेवा से रिटायर हो रहे है।
पिछले दस दिन से वे बड़ी तेजी के साथ पेंडिंग फाइलों को निपटाने में लगे हुए है। उनके मुताबिक ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे के लिए 16 गांवों की 344 हेक्टेयर जमीन एक्वायर की गई है।
प्रभावित 5057 किसानों में से 4499 को 1286 करोड़ का प्रतिकर बंाटा जा चुका है। 558 किसानों को प्रतिकर दिया जाना है। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रोस-वे के लिए 18 गांवों की 266 हेक्टेयर जमीन एक्वायर की गई है। प्रभावित 3672 किसानों में से 1603 को 656 करोड़ का प्रतिकर बांटा गया है। अभी 2069 किसानों को मुआवजा दिया जाना है।
इस प्रोजेक्ट में सबसे अधिक धांधली की शिकायतें आ रही है। पीसीएस घनश्याम सिंह को इसी प्रकरण में निलंबित किया जा चुका है। डेडीकेटिड फ्रेट कॉरीडोर के लिए एक्वायर की गई 11 गांवों की 71 हेक्टेयर जमीन से गाजियाबाद में 1246 किसान प्रभावित है।
इनमें से 954 किसानों को 221 करोड़ का प्रतिकर वितरित किया जा चुका है। 292 किसान धक्के खा रहे है। इसी प्रोजेक्ट के लिए हापुड़ के 13 गांवों 1753 किसानों की 75 हेक्टेयर जमीन एक्वायर की गई है। अब तक 1479 किसानों को 261 करोड़ का मुआवजा बांटा गया है। आवास विकास परिषद की मंडोला आवासीय योजना भी अफसरों के गले में अटक गई है।
किसान विरोध कर रहे है। इस योजना के लिए 6 गांवों के 3827 किसानों की 1058 हेक्टेयर जमीन एक्वायर की गई है। 3444 किसानों ने मुआवजा ले लिया है। 383 बचे है। 1100 की दर किसानों को कम लग रही है। साइट पर किसान धरना दे रहे है।


