देश में कोरोना संक्रमितों का रिकवरी दर 55.7 फीसदी
देश में कोरोना वायरस (कोविड-19) से संक्रमितों की संख्या रविवार रात तक करीब सवा चार लाख पहुंच गयी लेकिन इसके साथ ही स्वस्थ होने वालों की दर भी निरंतर बढ़ती ही जा रही है

नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस (कोविड-19) से संक्रमितों की संख्या रविवार रात तक करीब सवा चार लाख पहुंच गयी लेकिन इसके साथ ही स्वस्थ होने वालों की दर भी निरंतर बढ़ती ही जा रही है।
देश में आज संक्रमितों के स्वस्थ होने की दर बढ़ कर 55.70 फीसदी पहुंच गयी जबकि मृत्यु दर महज 3.20 प्रतिशत रही। शनिवार को संक्रमितों के स्वस्थ होने की दर बढ़कर 54.26 फीसदी तक पहुंच गयी थी जबकि मृत्यु दर 3.25 प्रतिशत रही थी। शुक्रवार को मरीजों के स्वस्थ होने की दर 54.03 थी। गुरुवार को मरीजों के स्वस्थ होने की दर 53.08 थी। बुधवार को मरीजों के स्वस्थ होने की दर 53.08 फीसदी पहुंच गयी जबकि मृत्यु दर 3.34 प्रतिशत रही। मंगलवार को मरीजों के स्वस्थ होने की दर 52.97 फीसदी थी जबकि मृत्यु दर केवल 2.87 प्रतिशत थी। सोमवार को संक्रमितों के स्वस्थ होने की दर 51.23 फीसदी थी जबकि मृत्यु दर केवल 2.85 प्रतिशत थी। पिछले एक सप्ताह में मरीजों के स्वस्थ होने की दर में 4.47 फीसदी का इजाफा हुआ है।
‘कोविड19इंडियाडॉटओआरजी’ के आंकड़ों के अनुसार देश में कोरोना वायरस संक्रमण के 421702 मामलों की आज रात तक पुष्टि हो चुकी है जबकि सुबह यह संख्या 410461 थी। अब तक कुल 234920 मरीज स्वस्थ हुये हैं जबकि करीब 13502 लोगों की इस महामारी से मौत हो चुकी है। अन्य 173230 मरीजों का विभिन्न अस्पतालों में इलाज किया जा रहा है।
इन आंकड़ों से यह स्पष्ट है कि सक्रिय मामलों की तुलना में स्वस्थ लोगों की संख्या 61 हजार से अधिक हो चुकी है। इससे यह भी साफ है कि देश में अब तक कोरोना वायरस के जितने मरीज आये हैं, उनमें से आधे से अधिक पूरी तरह बीमारी से निजात पा चुके हैं। समय पर कोरोना के संदिग्ध मामलों की जांच और उनका सही तरीके से इलाज इसमें अहम भूमिका निभा रहा है।
स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी बयान मेें कहा गया कि दैनिक आंकड़ों का रुझान, बढ़ती रिकवरी दर और सक्रिय एवं ठीक हुए मामलों के बीच बढ़ता अंतर भारत की कोविड-19 के लिए समयबद्ध प्रबंधन की रणनीति को दर्शाता है।
भारत में इस समय कोरोना वायरस की जांच में 722 सरकारी और 259 निजी प्रयोगशालाएं काम कर रही हैं और इनमें रियल-टाइम आरटी पीसीआर आधारित परीक्षण प्रयोगशालाएं 547(354 सरकारी एवं 193 निजी), ट्रू एनएटी आधारित परीक्षण प्रयोगशालाएं 358 (सरकारी: 341 , निजी: 17) और सीबीएनएएटी आधारित परीक्षण प्रयोगशालाएं 76 (सरकारी: 27 , निजी 49) हैं।
पिछले 24 घंटों में 190730 नमूनों की जांच की गई और अब तक 6807226 नमूनों की जांच की जा चुकी है।
इस बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोरोना महामारी के परिप्रेक्ष्य में योग की बढ़ती भूमिका पर बल देते हुए आज कहा कि दुनिया को पहले के मुकाबले अब योग की ज्यादा आवश्यकता महसूस की जाने लगी है, क्योंकि इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है।
श्री मोदी ने छठे अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर अपने सम्बोधन में कहा कि कोरोना वायरस जैसी बीमारियों को मात देने के लिए शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होना अनिवार्य होता है और जीवन में योग अपनाकर इस प्रकार की बीमारियों को हराया जा सकता है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 श्वसन तंत्र पर ज्यादा हमला करता है जिसे प्राणायाम या सांस लेने संबंधी अभ्यास से मजबूत किया जा सकता है। उन्होंने कहा,“ कोरोना वायरस खासतौर पर हमारे श्वसन तंत्र पर हमला करता है। हमारी श्वसन प्रणाली को मजबूत बनाने में जिससे सबसे ज्यादा मदद मिलती है वह है प्राणायाम अर्थात सांस लेने संबंधी योगाभ्यास। सामान्य तौर पर अनुलोम-विलोम ही ज्यादा चर्चित हैं और ये काफी प्रभावी भी हैं, लेकिन प्राणायाम के अनेक प्रकार भी हैं।”


