लूट की महाआघाड़ी उद्धव सरकार का असली चेहरा उजागर हो गया: रविशंकर प्रसाद
रविशंकर प्रसाद ने आज कहा कि मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर ने जिस तरह से महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख पर आरोप लगाया है उसके बाद लूट की महाआघाड़ी उद्धव सरकार का असली चेहरा उजागर हो गया
पटना। केंद्रीय विधि मंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने आज कहा कि मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर ने जिस तरह से महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख पर आरोप लगाया है उसके बाद लूट की महाआघाड़ी उद्धव सरकार का असली चेहरा उजागर हो गया है और उनकी पार्टी ऐसी सरकार के खिलाफ सड़क पर आंदोलन करेगी।
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रविशंकर प्रसाद ने यहां भाजपा के प्रदेश मुख्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमवीर सिंह ने महाराष्ट्र के राज्यपाल और मुख्यमंत्री को इस संबंध में पत्र लिखा है। पत्र में गृह मंत्री देशमुख को लेकर जो आरोप लगाए गए हैं उसके बाद उद्धव सरकार की असली सच्चाई लोगों के सामने आ गई है कि किस तरह से सरकार में बैठे मंत्री पुलिस के जरिए धन उगाही का काम करने में लिप्त हैं।
मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर ने एक चिट्टी लिखी है महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री और राज्यपाल जी को, जिसमें उन्होंने कहा है कि महाराष्ट्र सरकार के गृह मंत्री ने सचिन वाजे से कहा कि हमें 100 करोड़ रुपये महीना बंदोबस्त करके दो।
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केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस घटना में जिस पुलिस अधिकारी सचिन वझे पर आरोप लगे हैं वह कई वर्षों तक नीलंबित थे और उसका निलंबन कोरोना काल में वापस ले लिया गया। उन्होंने कहा कि इस अधिकारी को पुलिस विभाग में एक बड़ी जिम्मेदारी भी दी गई।
सचिन वाजे वर्षों तक सस्पेंड था, वर्षों के बाद उसको कोरोना काल में अप्वाइंट कराया गया और कहा गया कि कोरोना में पुलिस वाले बीमार पड़ रहे हैं इसलिए इनको लिया जा रहा है।
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भाजपा की तरफ से पहला सवाल ये है कि सचिन वाजे की नियुक्ति किसके दबाव में की गई?
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सचिन वाजे की नियुक्ति किसके दबाव में की गई? ये शिवसेना का दबाव था, मुख्यमंत्री मंत्री का दबाव था या शरद पवार का भी दबाव था?
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सचिन वाजे को बचाने की क्या मजबूरी थी, सचिन वाजे के पेट में और क्या-क्या सीक्रेट हैं?
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रविशंकर प्रसाद ने सवालिया लहजे में कहा कि ऐसे अधिकारी को आखिर किसके दबाव में वापस लिया गया। क्या मुख्यमंत्री या फिर शिवसेना पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार का दबाव था। महाराष्ट्र की सरकार को इसका जवाब देना चाहिए। उन्होंने कहा कि सचिन वझे वर्ष 2008 से ही शिवसेना का सक्रिय सदस्य है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ऐसे अधिकारी का मुख्यमंत्री बचाव करते हैं। एक सहायक पुलिस इंस्पेक्टर की हैसियत चौंकाने वाली है। उन्होंने कहा कि देश में ऐसा नहीं हुआ कि एक सहायक पुलिस इंस्पेक्टर का बचाव मुख्यमंत्री करते हो। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि वझे के पेट में क्या है जिस कारण से उन्हें मुख्यमंत्री बचाना चाहते हैं। महाराष्ट्र सरकार वझे को बचाने में लगी है, जो कहीं न कहीं किसी बड़े राज को छुपाने की तरफ इशारा करता है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सरकार को डर है कि यदि बझे ने बयान दिया तो कई गड़े मुर्दे फिर से बाहर आ सकते हैं।
रविशंकर प्रसाद ने राकांपा प्रमुख शरद पवार की भूमिका पर भी सवाल उठाया और कहा कि पुलिस प्रमुख द्वारा उन्हें ब्रीफ किया जा रहा है। क्या श्री पवार सरकार के अंग हैं। इस मामले में शरद पवार की खामोशी गंभीर सवाल खड़ा करती है। इसी तरह इस मामले में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की खामोशी भी कहीं न कहीं बड़ा सवाल खड़ा करता है। पार्टी इस मामले की निष्पक्षता से जांच के साथ ही गृह मंत्री देशमुख के इस्तीफे की मांग करती है। उन्होंने कहा कि पार्टी इसके लिए लूट की महाआघाड़ी सरकार के खिलाफ महाराष्ट्र में सड़क पर उतरेगी।
ये भ्रष्टाचार नहीं है इसे कहते हैं- ऑपरेशन लूट।
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सरकारी तंत्र का दुरुपयोग करो और जनता के पैसे लूटो ये उसका टेक्स्ट बुक केस है।
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