विधानसभा चुनाव कांग्रेस एवं भाजपा के लिए प्रतिष्ठा का सवाल
पिछले महीने ही सत्ता में आई कांग्रेस इस क्षेत्र में चुनाव जीतकर अपनी चुनाव प्रतिष्ठा बचाने तथा भाजपा अपनी सीट को बचाने की कोशिश करेगी

अलवर । राजस्थान में अलवर जिले के रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र में आगामी अठाईस जनवरी को होने वाला चुनाव सत्तारुढ़ कांग्रेस और विपक्ष भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) दाेनों के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन गया हैं। पिछले महीने ही सत्ता में आई कांग्रेस इस क्षेत्र में चुनाव जीतकर अपनी चुनाव प्रतिष्ठा बचाने तथा भाजपा अपनी सीट को बचाने की कोशिश करेगी। आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर भी दोनों प्रमुख दलों के लिए यह चुनाव महत्वपूर्ण माना जा रहा है और लोकसभा चुनाव से पहले चुनाव जीतकर जनता को संदेश देना चाहेंगे।
हालांकि बहुजन समाज पार्टी (बसपा) भी इस चुनाव में महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि बसपा ने गत सात दिसम्बर को जिले की दस विधानसभा सीटों पर हुए चुनाव में दो सीटे जीतकर अपना राजनीतिक प्रभुत्व दिखा चुकी हैं। बसपा के किशनगढ़ बास विधानसभा सीट से दीपचंद खैरिया और तिजारा विधानसभा सीट से संदीप यादव चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं।
गत सात दिसम्बर को पन्द्रहवीं विधानसभा के लिए हुए चुनाव से पहले 29 नवम्बर को बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रत्याशी लक्ष्मण सिंह के निधन से रामगढ़ क्षेत्र में चुनाव स्थगित होने के बाद अब मतदान अठाईस जनवरी को कराया जायेगा। चुनाव में कांग्रेस की प्रत्याशी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव जुबेर खान की पत्नी साफिया खान चुनाव मैदान में है जबकि लक्ष्मणगढ़ के पूर्व प्रधान सुखवंत सिंह भाजपा उम्मीदवार है। भाजपा ने विधायक ज्ञानदेव आहूजा का टिकट काटकर नए चेहरे श्री सिंह को चुनाव मैदान में उतारा। इसके अलावा आम आदमी पार्टी से विश्वेंद्र सिंह सहित बीस प्रत्याशी चुनाव मैदान में होंगे।
इस चुनाव में अब केवल बसपा प्रत्याशी का ही नामांकन भरा जायेगा जबकि शेष पहले नामांकन भर चुके प्रत्याशियों को दुबारा नामांकन भरने की आवश्यकता नहीं होगी। पूर्व केन्द्रीय मंत्री नटवर सिंह के पुत्र एवं भाजपा के विधायक रहे जगत सिंह दायमा को बसपा प्रत्याशी बनाये जाने की संभावना जताई जा रही हैं और दायमा बसपा के उम्मीदवार होते हैं तो इस क्षेत्र में त्रिकोणात्मक मुकाबला होने के आसार बन जायेंगे। लक्ष्मण सिंह चौधरी के परिजन भी टिकट की मांग कर रहे हैं।
अब सभी की नजर इसी पर टिकी है कि बसपा किसे अपना प्रत्याशी घोषित करती हैं। राज्य में कांग्रेस की सरकार बनते ही बसपा ने बिना मांगे समर्थन दिया है। चुनाव के लिए तीन से दस जनवरी तक बसपा प्रत्याशी अपना नामांकन भर सकेगा। ग्यारह जनवरी को नामांकन पत्र की जांच होगी तथा चौदह जनवरी तक नाम वापस लिया जा सकेगा। अठाईस जनवरी को मतदान सुबह आठ से सायं पांच बजे तक होगा। इस सीट पर दो लाख 35 हजार 598 मतदाता अपने फोटोयुक्त पहचान पत्र के जरिए मताधिकार का प्रयोग करेंगे जिसमें एक लाख 24 हजार 613 पुरुष तथा एक 10 हजार 497 महिला मतदाता शामिल है। इसके लिए क्षेत्र में 278 मतदान केंद्रों पर वोट डाले जाएंगे।


