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नेतन्याहू को आतंकवादी कहने का मकसद मुसलमानों को एकजुट करना है : रक्षा विशेषज्ञ शरदेंदु

पाकिस्तान की सरकार ने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को आतंकवादी करार दिया है

नेतन्याहू को आतंकवादी कहने का मकसद मुसलमानों को एकजुट करना है : रक्षा विशेषज्ञ शरदेंदु
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नई दिल्ली। पाकिस्तान की सरकार ने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को आतंकवादी करार दिया है। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के राजनीतिक सलाहकार राणा सनाउल्लाह ने कहा है कि नेतन्याहू एक आतंकवादी हैं। रक्षा विशेषज्ञ शरदेंदु ने कहा, ''पाकिस्तान के इस बयान का मकसद दुनियाभर के मुसलमानों को एकजुट करना है।''

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की सरकार ने बेंजामिन नेतन्याहू के विरोध में इजरायली सामान का बहिष्कार कर दिया है। पाकिस्तान सरकार की तरफ से ऐसा बयान तब दिया गया है, जब इजरायल ने हौथी पर हमला किया है और उनके आतंकी संगठन को एक धक्का पहुंचाया है। इजरायल ने यमन पर एयर स्ट्राइक करके उनके ऑयल डिपो को नष्ट कर दिया है। हमास, हिजबुल्लाह और हौथी तीन फ्रंट पर इजरायल का ऑपरेशन चल रहा है। ऐसे समय पर पाकिस्तान के इस बयान का मकसद दुनियाभर के मुसलमानों को एकजुट करना और इजरायल को पूरी तरह से अलग-थलग करना है।

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। वहां की राजनीति में भी अस्थिरता है। सेना की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठ रहे हैं। ऐसे में इजरायल को आतंकवादी देश बताना सही नहीं है। एक देश दूसरे देश के खिलाफ ऐसी भाषा का इस्तेमाल नहीं कर सकता है। यह एक निंदनीय बयान है।

उन्होंने बताया कि इजरायल को अपनी सुरक्षा की चिंता है। अगर वो अपनी आत्मरक्षा में हमास, हिजबुल्लाह और हौथी पर हमला करता है तो यह उसका जायज कदम होता। तब यह समझा जाता कि वो अपने देश की हिफाजत करने के लिए ऐसा कर रहा है, लेकिन उसने गाजा पट्टी में जो बर्बादी की है, इससे उसके ऊपर सवाल उठ सकता है।

उन्होंने आगे कहा कि हिजबुल्लाह ने हमास का समर्थन किया है। हौथी भी लगातार लाल सागर में हमले कर रहा है। 1948 में यहूदियों को जो राज मिला था, उसकी रक्षा के लिए इजरायल युद्ध कर रहा है। इसका हल तब निकलेगा जब इजरायल, हमास या फिलिस्तीन 'टू नेशन थ्योरी' को मानेंगे।


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