पंजाब सरकार गंभीर आर्थिक हालात से झूझ रही
पंजाब में वर्ष 2018-19 के दौरान राज्य पर कर्ज का बोझ 211523 करोड़ तक पहुंच जाने के अनुमान के साथ ही गम्भीर आर्थिक हालात से झूझ रही

चंडीगढ़। पंजाब में वर्ष 2018-19 के दौरान राज्य पर कर्ज का बोझ 211523 करोड़ तक पहुंच जाने के अनुमान के साथ ही गम्भीर आर्थिक हालात से झूझ रही राज्य सरकार ने आयकर अदा करने वाले पेशेवरों, व्यापारियों और सेवाओं पर 200 रूपये प्रतिमाह ‘विकास कर‘ लगाने का बजट में प्रस्ताव किया है।
वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने राज्य विधानसभा में आज कांग्रेस सरकार के कुल 129698 करोड़ रूपये के आकार का दूसरा बजट पेश करते हुये इसमें अतिरिक्त स्रोतों से 1500 करोड़ रूपये जुटाने के लिये महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश आैर तमिलनाडु की तर्ज पर राज्य में पहली बार पेशेवर लोगों, व्यापारियों और सेवा प्रदाताओं पर प्रति माह 200 रूपये ‘विकास कर‘ लगाने प्रस्ताव किया है जिसके लिये अलग से कानून बनाया जाएगा। उन्हाेंने कहा कि विकास कर से सरकार को लगभग 150 करोड़ रूपये प्राप्त होंगे तथा शेष राशि अन्य स्रोतों से जुटाई जाएगी।
बजट पेश करने के बाद पत्रकारों के सवालों पर बादल ने विकास कर को बेहद मामूली बताया लेकिन यह खुलासा नहीं किया कि इसके दायरे में कौन-कौन से लाेग आएंगे। उन्होंने कहा कि इस सम्बंध में प्रस्तावित में कानून में ही विस्तृत जानकारी उपलब्ध होगी।
राज्य की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुये वित्त मंत्री ने कहा कि अगले तीन वर्ष इसके लिये बेहद महत्वपूर्ण होंगे। उन्होंने कहा कि सरकार राज्य के कमजोर बर्गों के उत्थान के लिये एक समर्पित कोष सृजित करने के लिये सामाजिक सुरक्षा कानून लाने पर विचार कर रही है। लेकिन इन सब प्रयासों के बावजूद गैर वित्त पोषित स्रोत में 4175 करोड़ रूपये का अंतर बरकरार रहेगा।


