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मोदी सरकार में गायब हो गई देश की खुशहाली : राहुल

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष रिपीट पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर तीखा हमला करते हुए आज कहा कि इस सरकार में अर्थव्यवस्था, देश की सुरक्षा और नागरिकों की खुशहाली सहित सब कुछ गायब हो गया है

मोदी सरकार में गायब हो गई देश की खुशहाली : राहुल
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नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष रिपीट पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर तीखा हमला करते हुए आज कहा कि इस सरकार में अर्थव्यवस्था, देश की सुरक्षा और नागरिकों की खुशहाली सहित सब कुछ गायब हो गया है और जब इन सब स्थितियों को लेकर सवाल पूछते है तो जवाब भी गायब होते हैं।

श्री गांधी ने कहा “देश में 12 करोड़ रोज़गार गायब, पांच लाख करोड डालर की अर्थव्यवस्था गायब, आम नागरिक की आमदनी गायब, देश की खुशहाली और सुरक्षा गायब, सवाल पूछो तो जवाब गायब और विकास भी गायब है।” उन्होंने शुक्रवार को सुबह एक और ट्वीट में सरकार पर बेरोजगारी को लेकर हमला किया और उससे लोगों को रोज़गार देने तथा परीक्षाएं सही तरीके से कराने और समय पर परीक्षा परिणाम घोषित कर युवाओं की समस्या का समाधान करने का सरकार से आग्रह किया।

इस बीच कांग्रेस प्रवक्ता गौरव बल्लभ ने यहां संवाददाता सम्मेलन में सरकार पर अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए कदम नहीं उठाने का आरोप लगाया और कहा कि देश में निवेश नहीं होगा तो अर्थव्यवस्था गिरेगी ही। उन्होंने कहा कि देश में

सार्वजनिक निवेश से अर्थव्यवस्था सुधरती है लेकिन हमारे यहां यह निवेश बढ़ नहीं रहा है। केंद्र सरकार राज्यों को जीएसटी बकाया का भुगतान करने को तैयार नहीं है। इसके तहत केंद्र को राज्यों को जीएसटी में कम से कम 14 प्रतिशत देना था लेकिन नहीं दिया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि निवेश निजी स्तर पर भी आता है लेकिन निजी क्षेत्र में निवेश को बढावा नहीं दिया जा रहा है। निजी क्षेत्र तथा विनिर्वाण क्षेत्र के लिए उचित माहौल नहीं है इसलिए निवेश नहीं आ रहा है। तीसरा तरीका घरेलू निवेश का होता है और इस क्षेत्र पर सरकार का ध्यान नहीं है। हालात यह है कि 1.89 करोड लोगों की पिछले पांच माह के दौरान स्थायी नौकरी चली गयी है तो ऐसे में लोग घर कहां से बनाएंगे और घर कैसे चलाएंगे।

कांग्रेस प्रवक्ता प्रवक्ता ने कहा कि जब मध्यम वर्ग के लोगों की नौकरी जा रही है और उनकी सेलरी में कटौती हो रही है तो इस स्थिति में निवेश कहां से आएगा। उन्होंने कहा कि सीएमआईई का एक ताजा आंकडा आया है जिसमें कहा गया है कि तीन करोड 60 लाख लोगों को रेाजगार चाहिए लेकिन उनके लिए रोजगार के अवसर नहीं हैं। इस वर्ग में इंजीनियर, प्रबंधन क्षेत्र के लोग हैं, अध्यापक आदि हैं लेकिन उनके लिए रोजगार नहीं है।


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