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प्रस्तावित उच्च शिक्षा आयोग को नौकरशाही का अखाड़ा नहीं बनने दिया जायेगा: प्रकाश जावड़ेकर

प्रकाश जावड़ेकर ने लोकसभा में सोमवार को दावा किया कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के स्थान पर प्रस्तावित उच्च शिक्षा आयोग को किसी भी प्रकार से नौकरशाही का अखाड़ा नहीं बनने दिया जायेगा

प्रस्तावित उच्च शिक्षा आयोग को नौकरशाही का अखाड़ा नहीं बनने दिया जायेगा: प्रकाश जावड़ेकर
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नयी दिल्ली। देश की शिक्षा प्रणाली में ‘मुक्त चिंतन’ का वातावरण बनाये रखने के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता जताते हुए मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने लोकसभा में आज दावा किया कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के स्थान पर प्रस्तावित उच्च शिक्षा आयोग को किसी भी प्रकार से नौकरशाही का अखाड़ा नहीं बनने दिया जायेगा।

जावड़ेकर ने प्रश्नकाल के दौरान तृणमूल कांग्रेस के शुगतो बोस की आशंकाओं का निवारण करते हुए कहा कि यूजीसी का स्थान लेने वाला उच्च शिक्षा आयोग किसी भी प्रकार से नौकरशाहों का अखाड़ा नहीं बनेगा।

उन्होंने अन्नाद्रमुक के एम. थम्बीदुरई के उन आरोपों को भी सिरे से खारिज कर दिया कि मोदी सरकार यूजीसी के स्थान पर एक एेसा आयोग गठित करेगी जिसमें नौकरशाहों के माध्यम से सरकार का सीधा वर्चस्व होगा। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित आयोग में अनुदान और नियमन की जिम्मेदारी पृथक रखी जायेगी।

जावड़ेकर ने कहा कि यूजीसी का गठन 1956 में जब हुआ था उस वक्त देश में केवल 20 विश्वविद्यालय, 500 महाविद्यालय और दो लाख 10 हजार विद्यार्थी थे, जबकि आज विश्वविद्यालयों की संख्या 900, महाविद्यालयों की 40000 और विद्यार्थियों की संख्या तीन करोड़ 45 लाख तक पहुंच गयी है। ऐसी स्थिति में यूजीसी में बदलाव की आवश्यकता महसूस की जा रही थी।

उन्होंने बताया कि प्रस्तावित उच्च शिक्षा आयोग विधेयक के मसौदे पर कम से कम 10 हजार मशविरे आये थे, जिनके आधार पर विधेयक को व्यापक बदलाव के साथ लाया जायेगा।


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