राजधानी में प्लास्टिक बैग पर प्रतिबंध लगाने की कार्रवाई तेज
अगर आप खाने-पीने के शौकीन हैं और दिल्ली में रहते हैं तो यह खबर आप ही के लिए है
नई दिल्ली। अगर आप खाने-पीने के शौकीन हैं और दिल्ली में रहते हैं तो यह खबर आप ही के लिए है। अक्सर बाजार से समोसे, भठूरे, केक, पेस्ट्री, मिठाई, फल, सब्जी जैसी साधारण चीजें खरीदकर हल्के प्लास्टिक वाली पॉलीथिन की थैली (50 माइक्रोन से कम) में लाने वाले लोग अब स्थानीय निकायों के निशाने पर आ गए हैं। ऐसी थैलियों का इस्तेमाल करने वाले दुकानदारों के साथ खरीददारों को भी 5000 रुपए का जुर्माना (पर्यावरण क्षतिपूरक राशि) भुगतना पड़ेगा। इसके लिए दक्षिणी, उत्तरी व पूर्वी दिल्ली नगर निगम के अलावा दिल्ली कैंटोनमेंट बोर्ड और नई दिल्ली नगरपालिका परिषद् को भी अधिकृत किया गया है। दरअसल, प्लास्टिक एक ऐसा पदार्थ है जो सैकड़ों साल में जाकर नष्ट होता है। इससे पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंच रहा है।
लिहाजा पर्यावरण संरक्षण के लिए स्थापित राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एन.जी.टी.) ने ना सिर्फ 50 माइक्रोन से कम मोटाई वाले प्लास्टिक बैग के निर्माण, भंडारण, बिक्री और इस्तेमाल पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। बल्कि ऐसे बैग का इस्तेमाल करने वाले व्यक्ति (दुकानदार और ग्राहक) पर 5000 रुपए का जुर्माना लगाने के भी आदेश दिए हैं। गौरतलब है कि बीते 10 अगस्त को जारी एन.जी.टी. के आदेश में प्लास्टिक थैली प्रतिबंध के संबंध में जनजागरूकता लाने के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया था जो 17 अगस्त को समाप्त हो गया है। उधर, निगम आयुक्त ने कहा कि अभीतक प्लास्टिक बैग का प्रदूषण अनुकूल विकल्प नहीं बनाया जा सका है।
लिहाजा पर्यावरण संरक्षण के हित में प्लास्टिक कचरा प्रबंधन नियम 2016 को लागू करना अत्यंत आवश्यक हो गया है। नये नियमों के तहत ग्रामीण क्षेत्र भी प्रतिबंध के दायरे में आ गए हैं। वहीं, प्रतिबंध वाले प्लास्टिक बैग की मोटाई 40 माइक्रोन से बढ़ाकर 50 माइक्रोन कर दी गई है। उन्होंने कहा कि शहर में अन्धाधुंध प्लास्टिक फेका जाना पर्यावरण के लिए बड़ा खतरा बन चुकी है।
समस्त प्लास्टिक कचरे का प्रबंधन नहीं होने के चलते शेष कचरा पर्यावरण के लिए भयंकर खतरा बन रहा है। ये कचरा नदियों और तालाबों को भी प्रदूषित कर रहा है। प्लास्टिक कचरा प्रबंधन नियम में निर्माताओ के साथ कचरा उत्पन्न करने वाले लोगों की जिम्मेदारी भी तय की गई है लेकिन पहले से पंजीकृत दुकानदारों और विक्रेताओं के पास प्लास्टिक बैग की उपलब्धता रहेगी।


