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नीति आयोग ने आकांक्षी जिलों की रैंकिंग पेश की

नीति आयोग ने बुधवार को 49 संकेतकों के आधार पर देशभर में 101 आकांक्षी जिलों की आधारभूत रैंकिंग जारी की

नीति आयोग ने आकांक्षी जिलों की रैंकिंग पेश की
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नई दिल्ली। नीति आयोग ने बुधवार को 49 संकेतकों के आधार पर देशभर में 101 आकांक्षी जिलों की आधारभूत रैंकिंग जारी की। ये संकेतक स्वास्थ्य व पोषण, शिक्षा, कृषि और जल संसाधन समेत कई क्षेत्रों से संबंधित हैं। इनमें वित्तीय समावेशन, कौशल विकास और बुनियादी अवसंरचना भी शामिल हैं।

नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा कि कुछ और जिलों को मिलाकर सूची में कुल 115 जिले शामिल होंगे। उन्होंने कहा, "इन जिलों को इनकी प्रगति के आधार पर सूची में दर्जा प्रदान किया जाएगा। इस प्रकार मिसाल पेश कर उनमें संघीय स्पर्धा की भावना बढ़ाई जाएगी।"

अमिताभ कांत ने कहा, "आकांक्षी जिला कार्यक्रम में सही समय पर निगरानी व सक्रियतापूर्वक गलतियों में सुधार लाने से केंद्र व राज्यों के बीच सहकारी व स्पर्धात्मक संघीय भावना मजूबती होगी।"

आधारभूत दर्जे के मुताबिक, देश में सबसे खराब प्रदर्शन वाले जिले हरियाणा का मेवात, तेलंगाना का आसिफाबाद और मध्यप्रदेश का सिंगरौली है।

कांत ने बताया कि एक अप्रैल से लोगों के लिए सही समय पर आंकड़ों का संग्रहण व निगरानी के लिए अव्वल बदलाव लाने वाले जिले नियंत्रण पट पर लोगों के लिए उपलब्ध होंगे।

उन्होंने कहा कि नीति आयोग द्वारा आकांक्षी जिले के तौर पर नाम दिए जाने वाले इन पिछड़े जिलों की जब तक तरक्की नहीं होगी, तब तक भारत की विकास दर बढ़ नहीं सकती है।


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