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गजराजों को बचाने की योजना ठंण्डे बस्ते में

रायगढ़ जिले के धर्मजयगढ़ एवं रायगढ़ वन मंडल में जंगली हाथियों की असमय मौत

गजराजों को बचाने की योजना ठंण्डे बस्ते में
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40 करोड़ के प्रस्ताव को नहीं मिली स्वीकृति, विभाग उदासीन
रायगढ़। रायगढ़ जिले के धर्मजयगढ़ एवं रायगढ़ वन मंडल में जंगली हाथियों की असमय मौत को रोकने के लिए विद्युत विभाग ने विद्युत प्रवाहित तारों के सुधारों के साथ-साथ जंगली इलाकों में खंबों को बिछाने के लिए वन विभाग से करीबन 40 करोड़ की मांग की है और इस पत्र को विद्युत विभाग के अधिकारी ने एक साल पहले वन विभाग को भेजा था लेकिन आज तक न तो कोई जवाब आया है और न ही राशि की स्वीकृति विभाग को मिली है।

इस संबंध में जिले के कार्यपालन यंत्री गूंजन शर्मा का कहना है कि धर्मजयगढ़ छाल वन मंडल में जंगली हाथियों की मौत विद्युत प्रवाहित तारों की चपेट में आने की शिकायत के बाद स्वयं वन विभाग के अधिकारियों ने एक कार्ययोजना बनाकर खर्च संबंधी राशि का बजट के संबंध में बताने को कहा था तब विद्युत विभाग ने जंगली क्षेत्रों के अलावा दुरस्थ ग्रामीण इलाकों में विद्युत के खंबे बिछाने के अलावा हजारों किलो वाट वोल्टेज के तारों को उंचा करने के लिए लगभग 40 करोड रूपये खर्च होनें संबंधी बजट विभाग को भेजा था, चर्चा के दौरान कार्यपालन यंत्री ने बताया कि रायगढ़ जिले के धर्मजयगढ़, छाल, क्षेत्र के अलावा आसपास के इलाकों में जंगल होनें के चलते तारों का मेटनेंस तथा खंबो के जर्जर हालत को सुधार कार्य नही होनें के चलते जंगली हाथियों के शिकार होनें के अलावा अन्य जंगली जानवरों को विद्युत तार बिछाकर शिकार किया जाता था।

इसे रोकने के लिए भी इसमें खर्च की गई राशि दर्शाई गई थी, उनका कहना है कि ट्रांसफार्मरों तथा खंबो से विद्युत चोरी की घटना को भी रोकने के लिए इसमें विभाग बडी पहल करता। लेकिन आज तक वन विभाग ने भेजे गए पत्र का न तो केाई जवाब दिया है और न ही मांगी गई राशि स्वीकृत करके विभाग को काम चालू करने को कहा है।

इस संबंध में हमने जिले की वनमंडलाधिकारी विजया कुर्रे से भी बात करनी चाही लेकिन कार्यालय में नही होनें के चलते कोई चर्चा नही हो पाई, 40 करोड़ की मांग के मामले में वन विभाग का रवैया साफ दर्शाता है कि साल भर से अधिक का समय गुजर जाने के बाद भी इस पर कोई उत्तर तक विद्युत विभाग को नही देना घोर लापरवाही का परिचायक है चूंकि लगातार जंगली जानवरों के शिकार विद्युत करंट से ही होनें की जानकारी मिल रही है।
और यही हाल हाथियों की मौत को लेकर भी देखने को मिला है जहां जंगली हाथियों से अपनी फसल बचाने के लिए खेतों के आसपास हजारों वोल्टेज प्रवाहित तार बिछाते हैं और उनकी चपेट में आने से जंगली हाथियों की मौत के बडे आंकड़े विभाग की नाकामी को दर्शाते हैं।


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