सैनिकों के त्याग और बलिदान से ही देशवासी सुखी रहते है: राम नाईक
उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने कहा है कि सीमाओं का सुरक्षित होना देश की अस्मिता और सम्मान के लिए आवश्यक है

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने कहा है कि सीमाओं का सुरक्षित होना देश की अस्मिता और सम्मान के लिए आवश्यक है।
नाईक ने आज यहां सीमा जागरण मंच द्वारा आयोजित वाद-विवाद एवं निबन्ध प्रतियोगिता में कहा कि सीमाओं का सुरक्षित होना देश की अस्मिता एवं सम्मान के लिए जरुरी है। उन्होंने कहा कि सैनिकों के त्याग और बलिदान के कारण ही देशवासी सुख और शांति का जीवन व्यतीत करते हैं।
उन्होंने कहा कि विपरीत और विषम परिस्थितियों से जूझकर हमारे सैनिक हमें सुरक्षित रहने का अहसास कराते हैं।
सेना देश के लिये क्या करती है यह जानकर समाज में एक भावनात्मक जुड़ाव पैदा होगा।
उन्होंने कहा कि पर्यटक जिस तरह ऐतिहासिक स्थल देखने जाते हैं उसी तरह देश पर शहीद होने वालों के सम्मान में निर्मित स्मृतिका को भी देखें। छात्र-छात्राओं और युवाओं को सेना और सेना के शहीदों से जुड़े स्थल दिखाये जायें ताकि उन्हें देशभक्ति की प्रेरणा मिले। उन्होंने कहा कि सेना के लोग अपने शहीदों को कितना सम्मान देते हैं स्मृतिका जाकर ही यह देखने को मिलता है।
राज्यपाल ने समारोह में विजेता 18 छात्र-छात्राओं को प्रशस्ति पत्र एवं नकद पुरस्कार देकर सम्मानित किया। यह प्रतियोगिता तीन श्रेणी क्रमशः कक्षा पांच से आठ, कक्षा नौ से 12 तथा स्नातक से परास्नातक तक के विद्यार्थियों के मध्य आयोजित की गई थी। उसमें प्रदेश के लगभग 80 हजार छात्र-छात्राओं ने भाग लिया था।
उन्होेंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि पुरस्कार प्राप्त करने वाले 18 विद्यार्थियों में 14 छात्राएं हैं।
महिलाएं हर क्षेत्र में आगे आ रही हैं। उन्होंने बताया कि वर्ष 1954 में जब उन्होंने बी0काम0 परीक्षा पास की थी तब 150 छात्रों में केवल चार छात्राएं थी।
आज 45 प्रतिशत छात्राएं स्नातक कक्षाओं में हैं। नाईक ने बताया कि उत्कृष्ट प्रदर्शन कर 65 प्रतिशत पदक छात्राएं प्राप्त कर रही हैं। आज हर क्षेत्र में महिलाएं प्रतिनिधित्व कर रही हैं। पूर्व में छात्राएं केवल नर्सिंग और शिक्षण के क्षेत्र में सेवा करती थीं जबकि अब प्रशासनिक सेवा से लेकर सेना तक में महिलाएं हैं। हमारे देश की रक्षा मंत्री भी महिला है।
उचित वातावरण मिलता है तो महिलाएं आगे बढ़ सकती हैं। उन्होंने कहा कि महिला सशक्तीकरण के लिए यह एक शुभ संकेत है।
राज्यपाल ने कहा कि जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिये विद्यार्थी अपने धर्म का पालन करें। विद्यार्थी का धर्म पढ़ाई और ज्ञान अर्जन करना है। पढ़ाई के साथ-साथ विद्यार्थी अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें क्योंकि आगे बढ़ने के लिये ज्ञान और स्वास्थ्य दोनो जरूरी हैं। कड़े परिश्रम, प्रमाणिकता और पारदर्शिता से सफलता प्राप्त होगी। असफलता से घबराये नहीं बल्कि आत्म परीक्षण करके दोबारा प्रयास करें।
उन्होंने कहा कि देश को आगे ले जाने में विद्यार्थी अपनी भूमिका का निर्वहन करते हुए अच्छे नागरिक बनने का प्रयास करें। समारोह में संघ के सह प्रांत संघचालक डाॅ0 हरमेश चौहान ने सीमा जागरण मंच के बारे में विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि बच्चों को देशभक्ति के संस्कार दें जिससे वे अपने कर्तव्य को जाने।
सीमा सुरक्षा में समाज की भागीदारी से सेना को बल मिलता है। उन्होंने कहा कि देश की सीमा सुरक्षित है तो देशवासी भी सुरक्षित रहेंगे।
राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती स्वाती सिंह ने कहा कि सेना प्रत्यक्ष रूप से काम करती है और परोक्ष रूप से सीमा जागरण मंच काम करता है। उन्होंने सीमा जागरण मंच के कार्यकलापों की सराहना करते हुए कहा कि बच्चे देश के भविष्य हैं इस दृष्टि से बच्चों के भविष्य को मजबूत करने की भी आवश्यकता है। कार्यक्रम को अन्य कई नेताओं ने संबोधित किया।


