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इंग्लैंड के खिलाफ जीत एकमात्र लक्ष्य : रोच

वेस्टइंडीज के तेज गेंदबाज केमार रोच ने इंग्लैंड के खिलाफ आठ जुलाई से शुरू हो रही तीन मैचों की टेस्ट सीरीज से पहले कहा है कि उनकी टीम का पूरा ध्यान केवल जीतने पर होगा

इंग्लैंड के खिलाफ जीत एकमात्र लक्ष्य : रोच
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लंदन। वेस्टइंडीज के तेज गेंदबाज केमार रोच ने इंग्लैंड के खिलाफ आठ जुलाई से शुरू हो रही तीन मैचों की टेस्ट सीरीज से पहले कहा है कि उनकी टीम का पूरा ध्यान केवल जीतने पर होगा।

रोच ने कैरेबियाई मूल के इंग्लैंड के तेज गेंदबाज जोफ्रा आर्चर को चेतावनी देते हुए कहा कि इस सीरीज में दोस्ती के लिए कोई जगह नहीं है और जब दोनों टीमें मैदान पर एक-दूसरे के आमने-सामने हाेंगी तो ध्यान केवल जीतने पर होगा।

वेस्टइंडीज को इंग्लैंड के खिलाफ आठ जुलाई से तीन मैचों की टेस्ट सीरीज खेलनी है। कोरोना के कारण दुनिया भर में खेल गतिविधियां ठप्प रहने के बीच इस सीरीज से क्रिकेट की वापसी हो रही है और इस सीरीज के मैच दर्शकों के बिना खेले जाएंगे। मार्च के मध्य में क्रिकेट रुकने के बाद यह पहली अंतर्राष्ट्रीय सीरीज होगी जो कोरोना के मद्देनजर नए दिशानिर्देशों के तहत खेली जायेगी।

रोच ने कहा, “ जोफ्रा ने अपना फैसला कर लिया है और मैं समझता हूं कि उसने अब तक के अपने करियर में शानदार प्रदर्शन किया है। लेकिन इस सीरीज में दोस्ती के लिए कोई जगह नहीं है। इस सीरीज में बेहतर क्रिकेट खेलना और जीतना ही हमारा लक्ष्य है। जब हम जाेफ्रा के सामने हाेंगे तो हमारे पास उसका मुकाबला करने के लिए एक शानदार योजना होगी। मैं और मेरी टीम उस पल का इंतजार कर रहे हैं।”
वेस्टइंडीज की 11 रिजर्व खिलाड़ियों सहित कुल 25 सदस्यीय टीम इस दौरे पर पहुंची है और इस समय वह मैनचेस्टर में 14 दिन के अनिवार्य क्वारंटीन पर है।

रोच ने कहा, “ मैंने जोफ्रा को एक युवा के रूप में बारबाडोस में घरेलू क्रिकेट में खेलते हुए देखा था। मैं हमेशा यह सोचता था कि वह एक प्रतिभाशाली खिलाड़ी है और उसने पिछले कुछ वर्षों में यह साबित भी किया है। वह यहां आया और उसने शानदार काम किया। मैं उसे करियर के लिए शुभकामनांए देना चाहता हूं।”

पिछले कुछ वर्षों के दौरान वेस्टइंडीज की तेज गेंदबाजी में जबर्दस्त सुधार देखने को मिला है। रोच के मुताबिक ऐसा घरेलू स्तर पर पिचों में सुधार के कारण संभव हो पाया है। पिछले दशक में वेस्टइंडीज में क्रिकेट पिचें उपमहाद्वीप जैसी ही तैयार होती थीं। यह पिचें बल्लेबाजों के अनुकूल होती थीं। इनमें तेजी और उछाल बहुत कम होती था। लेकिन क्रिकेट वेस्टइंडीज ने अपनी नीति में बदलाव करते हुए पिचों को तेज गेंदबाजों के अनुकूल बनाने की नीति पर काम किया है। इस नीति का कैरेबियाई प्रीमियर लीग ने भी समर्थन किया है।

रोच ने कहा, “ कैरेबियाई क्षेत्र में पिचों में काफी सुधार हुआ है। पिचों के क्यूरेटरों ने हरी और उछाल भरी पिच बनाने के लिए शानदार काम किया है। इससे तेज गेंदबाजों को मदद मिलती है और उनका मनोबल बढ़ता है। हमारा इतिहास दुनिया को महान तेज गेंदबाज देने का रहा है। हमें केवल तेज गेंदबाजी के अनुकूल पिचें चाहिए थीं। पिछले कुछ वर्षों के दौरान हमने शानदार काम किया है। यदि हम ऐसे ही मेहनत करते रहे तो बेहतर परिणाम सामने आयेंगे।”

गौरतलब है कि वर्ष 2019 की शुरुआत में वेस्टइंडीज ने अपने तेज गेंदबाजों के शानदार प्रदर्शन के दम पर इंग्लैंड के खिलाफ 2-1 से घरेलू टेस्ट सीरीज जीती थी। केमार रोच, शैनन गैब्रियल, जेसन होल्डर और युवा तेज गेंदबाज अल्जारी जोसफ ने शानदार प्रदर्शन किया था।

31 वर्षीय रोच ने कहा कि वेस्टइंडीज पिछले वर्ष हुई सीरीज के प्रदर्शन को दोहराना चाहेगी इसलिए इंग्लैंड के बल्लेबाजों को अगले माह शुरू हो रही सीरीज के लिए खुद को तैयार करना होगा। सीरीज के पहले दो टेस्ट ओल्ड ट्रेफर्ड में होंगे जिनकी पिचों पर तेज गेंदबाजों को मदद मिलती है।

रोच ने कहा कि कैरेबियाई पिचों की अपेक्षा यहां परिस्थितियां अलग हाेंगी। गेंद कुछ स्विंग होगी इसलिए उन्हें अपनी योजनाओं को परिस्थितियों के मुताबिक बनाना होगा।
गौरतलब है कि वेस्टइंडीज की टीम में 1990 के दशक में कर्टली एम्ब्रोज और कर्टनी वाल्श जैसे दिग्गज तेज गेंदबाज थे। इनकी मौजूदगी से टीम की तेज गेंदबाजी को मजबूती मिलती थी और बल्लेबाजों के लिए इन्हें खेलना काफी कठिन होता था। दोनों गेंदबाजों के 2000 और 2001 में संन्यास लेने के बाद टीम की तेज गेंदबाजी का स्तर लगातार गिरता गया।




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