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धंस रहा है लाता नाला का नवनिर्मित पुल

 सारंगढ़ से बरमकेला मार्ग पर वर्षो की प्रतिक्षा के बाद बने लात नाला पुल का अभी तक औरचारिक रूप से उद्वाघाटन नही हुआ है किन्तु पुल धंसकना शुरू हो गया है

धंस रहा है लाता नाला का नवनिर्मित पुल
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रायगढ़। सारंगढ़ से बरमकेला मार्ग पर वर्षो की प्रतिक्षा के बाद बने लात नाला पुल का अभी तक औरचारिक रूप से उद्वाघाटन नही हुआ है किन्तु पुल धंसकना शुरू हो गया है। पुल के दोनो ओर के एप्रोच रोड़ केे पिचिंग का काम इस कदर निम्र स्तर का हुआ है कि पुल और एप्रोच रोड़ के बीच गैप बढ़ते ही जा रहा है। वही रोज एप्रोच रोड़ धंसकते जा रहा है। जिसके कारण से पुल के गुणवत्ता पर सवालिया निशान खड़ा हो गया है।

सारंगढ़ से बरमकेला जाने वाले मार्ग पर पडऩे वाला माधोपाली के पास स्थित लात नाला पर आजादी के पहले का पुल बना हुआ था जो जर्जर होने के साथ साथ हर वर्ष बाढ़ के समय सारंगढ़-बरमकेला मार्ग को दो तीन दिन तक के लिये बंद कर देता था। जिसके बाद इस पुल का निमार्ण रायपुर के ठेकेदार ने किया। 6 करोड़ 19 लाख रूपये की लागत से बनने वाले इस पुल का निमार्ण अप्रैल माह मे ठेकेदार ने पूर्ण कर दिया किन्तु जल्दी काम पूरा कर 6 प्रतिशत का अतिरिक्त भुगतान प्राप्त करने के चक्कर में ठेकेदार ने गुणवत्ता का ख्याल नही रखा और ठेकेदार के साथ सरंक्षण का कार्य सेतु निगम के तकनिकी अधिकारियो से अच्छे से दिया जिसके कारण यह हुआ कि पिचिंग का कार्य स्तरहीन और गुणवत्ताहीन हुआ है।

इस गुणवत्ताविहीन कार्य होने के कारण से महज पहली ही बरसात में पिचिंग धसकना शुरू हो गया है और इसका प्रभाव यह हुआ कि पुल के दोनो ओर के एप्रोच रोड़ धीरे धीरे धंसना शुरू हो गया है। पुल के दोनो ओर के एप्रोच रोड़ लगभग दो-दो फीट से अधिक धंस गया है इस कारण से प्रतिदिन मटेरियल डालकर पुल और एप्रोच रोड़ को समतल किया जा रहा है। इस संबंध में जब काय कर रहे श्रमिको से जानकारी ली गई तो उन्होने बताया कि अभी तक कई ट्रक रॉ मटेरियल इस पुल के एप्रोच रोड़ पर डाल चुके है।

पुल के बाद का एप्रोच रोड़ के किनारो पर लगे रेलिंग जो कि तीन फीट ऊंचा था धंसते धंसते पुल के बराबर पहुंच चुका है जिससे साफ प्रतीत हो रहा है कि घटिया पिचिंग के कारण से पुल और एप्रोच रोड़ के बीच गैप बढ़ते जा रहा है। वही पुल के नीचे उतरकर पिचिंग का अवलोकन किया गया तो ज्ञात हुआ पूरा पिचिंग पत्थर उखड़ गया है और पिचिंग किया गया मुरूम निकलकर बाहर आ रहा है। अगर एक सप्ताह तक मरम्मत का कार्य नही किया गया तो पुल और एप्रोच रोड़ के बीच का गैप एक फीट का पार कर देगा।
कम बरसात होने पर ये हाल!

सारंगढ़ के इस पुल के गुणवत्ता पर सवाल उठाने के साथ साथ यह भी सोचनीय है कि जब पचास फीसदी वर्षा होने पर पुल का एप्रोच रोड़ का पिचिंग का यह हाल है तो भरपूर वर्षा होने पर पिचिंग का क्या हाल होगा? सारंगढ़ अंचल मे इस वर्ष महज पचास फीसदी वर्षा हुई है और एक बार भी लात नाला मे कोई बाढ़ नही आया है। जबकि लात नाला में हर वर्ष काफी संख्या में पानी आता है। ऐसे में पुल के गुणवत्ता और स्तरहीन निमार्ण पर तत्काल एक्शन नही लिया गया तो यह पुल कभी भी धराशयी हो सकता है।

ठेकेदार के परफारमेंस गारंटी छोड़ दूसरे ठेकेदार से मरम्मत कार्य

सारंगढ़-बरमकेला मार्ग में लोक निमार्ण विभाग भी बड़ा खेल खेल रहा है। इस मार्ग को फरवरी माह में 60 लाख रूपये की लागत से डामरीकरण कराया गया था जिसमें तीन साल तक ठेकेदार का मेंटनेंस का कार्य करना था किन्तु इस रोड़ में हो चुके सैकड़ो गड्ढ़ो को पिचिंग वर्क कराने के लिये स्थानीय ठेकेदार को कार्य सौप कर उसका मूल्याकंन कर भुगतान की तैयारी किया जा रहा है।

जिससे साफ हो रहा है कि डामरीकरण का कार्य करने वाले ठेकेदार का खर्च को बचाया जा रहा है। यह कार्य भी ठेकेदार और अधिकारियो की सांठगांठ से ही हो रहा है।


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