डिफेंस कारीडोर में निवेश के लिए आकर्षक नीति की जरूरत : योगी
डिफेंस इण्ड्रस्ट्रियल कारीडोर के निर्माण के लिये संजीदा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को अधिकारियों से पूंजी निवेश और निवेशकों के लिए आकर्षक रणनीति एवं पाॅलिसी बनाए जाने को कहा

लखनऊ। डिफेंस इण्ड्रस्ट्रियल कारीडोर के निर्माण के लिये संजीदा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को अधिकारियों से पूंजी निवेश और निवेशकों के लिए आकर्षक रणनीति एवं पाॅलिसी बनाए जाने को कहा।
रूस की तीन दिवसीय यात्रा से वापस आने के बाद अपने सरकारी आवास पर अधिकारियों के साथ एक बैठक में श्री योगी ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में निवेश के इच्छुक उद्यमियों एवं निवेशकों की समस्याओं के समाधान के लिए तत्पर है। डिफेंस इण्डस्ट्रियल काॅरीडोर के प्रथम चरण में 500 करोड़ रुपए के निवेश का लक्ष्य है। इसके लिये लैण्ड बैंक की उपलब्धता सुनिश्चित की जानी चाहिए।
उन्होने कहा कि काॅरीडोर के सम्बन्ध में कार्य योजना बनाते हुए कई समिट कराए जाने की जरूरत है। यह समिट कानपुर, चित्रकूट, आगरा, अलीगढ़, लखनऊ, झांसी आदि में आयोजित कराए जा सकते हैं।
रूस मे निवेश की संभावनाओं का जिक्र करते हुये उन्होंने कहा कि सुदूर पूर्व रूस में कृषि, खाद्य प्रसंस्करण एवं ऊर्जा के क्षेत्र में निवेश और व्यापार की व्यापक सम्भावनाआें को देखते हुए भविष्य की रणनीति तैयार की जानी चाहिए। वहां पर कृषि, काॅन्ट्रैक्ट फार्मिंग, डेयरी, पशुधन एवं इससे जुड़े क्षेत्रों के विकास की सम्भावनाओं के मद्देनजर उत्तर प्रदेश और उद्यमियों के लिए निवेश के बेहतर अवसर मौजूद हैं।
उन्हाेने कहा कि रूस में निवेश के साथ-साथ रोजगार के भी कई अवसर उपलब्ध हैं। उनका उपयोग कर हम रूस-भारत के परस्पर सहयोग और विकास के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकते हैं।
यूपीडा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अवनीश कुमार अवस्थी ने मुख्यमंत्री को डिफेंस इण्डस्ट्रियल काॅरीडोर की प्रगति से अवगत कराते हुए कहा कि 1000 हेक्टेयर भूमि की व्यवस्था सुनिश्चित कर ली गई है। लैण्ड बैंक के लिए तेजी से कार्यवाही की जा रही है। इस काॅरीडोर के लिए भूमि की कमी नहीं होने दी जाएगी। साथ ही, आधारभूत आवश्यकताओं को भी पूरा किए जाने की व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जा रही हैं।
श्री योगी ने अधिकारियों को हरियाणा और उत्तर प्रदेश के मध्य राजस्व से जुड़े मामलों पर भी कार्यवाही किए जाने के निर्देश दिए। उन्हाेने कहा कि यमुना नदी को चैनलाइज करते हुए उसकी ड्रेजिंग होने से भूमि सम्बन्धी मामलों का समाधान निकाला जा सकता है। इसके बाद दोनों प्रदेशों के प्रमुख सचिव और उसके उपरान्त मुख्य सचिव के स्तर पर एक बैठक कर ली जाए।


