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दलितों की अधिक आबादी वाले गांव अब भी उपेक्षित: पासवान

20 प्रतिशत से अधिक आबादी वाले गांवों को प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम घोषित करने तथा उद्योग की तरह कृषि के लिए पांच हजार करोड़ रुपये के कोष का गठन करने की मांग की है।

दलितों की अधिक आबादी वाले गांव अब भी उपेक्षित: पासवान
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नयी दिल्ली। लोक जनशक्ति पार्टी ने दलितों की 20 प्रतिशत से अधिक आबादी वाले गांवों को प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम घोषित करने तथा उद्योग की तरह कृषि के लिए पांच हजार करोड़ रुपये के कोष का गठन करने की मांग की है।

लोजपा अध्यक्ष राम विलास पासवान ने आज यहां पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा कि दलितों की अधिक आबादी वाले 80 प्रतिशत गांव अब भी उपेक्षित हैं और वहां बुनियादी सुविधायें भी नहीं हैं।

इन गांवों को पक्की सड़क, पेयजल, बिजली, स्कूल और अस्पताल की सुविधायें उपलब्ध कराने की जरुरत है। इससे वहां के लोग समाज की मुख्यधारा में शामिल हो सकेंगे।

पासवान ने कहा कि कम से कम पांच हजार की आबादी पर एक प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र स्थापित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसानों को कई तरह की समस्याओं से जूझना पड़ता है और खेती के लिए पूंजी उनकी गंभीर समस्या है। ऐसे में सरकार को किसानों के लिए उद्योगों की तर्ज पर पाँच हजार करोड़ रुपये का कोष गठित किया जाना चाहिए।

उन्होंने न्यायपालिका में अनुसूचित जाति और जनजाति को आरक्षण देने की मांग दोहराते हुए कहा कि उनकी पार्टी दूसरी अखिल भारतीय सेवाओं की तरह न्यायिक सेवा आयोग के गठन की मांग करती है।

शिक्षा के क्षेत्र में सरकार को ऐसी व्यवस्था करनी चाहिये जिससे निजी अौर सरकारी स्कूलों में एक समान शिक्षा हो और सभी को शिक्षा के लिए समान अवसर मिले।


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