दिल्ली विधानसभा का मानसून सत्र आज से, मजदूरों की मौत के मुद्दे पर हंगामे के आसार
दिल्ली विधानसभा का चार दिवसीय मानसून सत्र मंगलवार से शुरू हो रहा है
नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा का चार दिवसीय मानसून सत्र मंगलवार से शुरू हो रहा है। सरकार इस सत्र में नेता जी सुभाष इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्टनॉलजी यूनिवर्सिटी, न्यूनतम वेतन संशोधन विधेयक आदि को आवश्यक सुधार के बाद दोबारा रख सकती है तो एक-दो नए बिल भी लाए जा सकते हैं।
सत्ता पक्ष की ओर से राजधानी में फैल रही बीमारियों की रोकथाम पर चर्चा के द्वारा निगमों के कामकाज पर प्रहार होगा तो वहीं विपक्ष ने लाजपत नगर में सफाई सफाई मजदूरों की मौत पर काम रोको प्रस्ताव तैयार किया है। नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि दिल्ली जल बोर्ड मासूम व बेकसूर सफाई मजदूरों की मौत की जिम्मेदारी ले क्योंकि सुरक्षा मानकों की अनदेखी की गई और दिल्ली सरकार की लापरवाही के कारण मजदूरों की जान गई है।
उन्होने कहा कि बेकसूर, मासूम दिहाड़ी मजदूरों की दक्षिणी दिल्ली के लाजपत नगर क्षेत्र में रविवार को जल बोर्ड के सीवर की सफाई करने के दौरान तीन मजदूरों की जहरीली गैस की चपेट में आने से मौत हो गई और एक को बेहोशी की हालत में हॉस्पिटल भर्ती कराया गया जिसकी हालत गंभीर है। इसे देखते हुए मंगलवार को विधानसभा में भाजपा काम रोको प्रस्ताव लाकर सरकार से जवाब मागेगी।
उन्होंने बताया कि नियम 33 के अन्तर्गत विधानसभा अध्यक्ष को 60 प्रश्न भेजे हैं तो वहीं नियम 55 के अन्तर्गत अविलम्बनीय लोक महत्व पर अल्पकालिक चर्चा हेतु 22 नोटिस दिए हैं। इसके अलावा नियम 89 के अन्तर्गत 9 विषयों में गैर सरकारी संकल्प भी रखे जाएंगे। गुप्ता ने कहा कि तीन सप्ताह पूर्व भी दक्षिणी दिल्ली के वसंत कुंज क्षेत्र में घिटोरनी गांव की घटना से सरकार नहीं जागी और यही कारण है कि तीन मासूम बेकसूर मजदूरों की फिर जान चली गई।
घिटोरनी गांव में चार सफाई मजदूरों की जान गवानी पड़ी थी। सुरक्षा मनकों की खुली अवहेलना के कारण आए दिन मजदूरों की जान जा रही है जबकि न्यायलय के आदेश अनुसार भी यह स्पष्ट किया जा चुका है की रस्सी, गैस सिलिंडर, हेलमेट, जैकेट, हाथ के दस्ताने, ऑक्सीजन मास्क, जूते, टार्च आदि आवश्यक सुरक्षा उपकरणों व मशीनो के साथ ही सीवरों की सफाई की जाएगी।
बावजूद इसके दिल्ली में इसका खुला उल्लंघन हो रहा है और इस कारण मासूम सफाई मजदूरों को जान से हाथ धोना पढ़ रहा है। हालंाकि इस चार दिवसीय सत्र में भी भाजपा विधायक ओमप्रकाश शर्मा हिस्सा नहीं ले सकेंगे। दरअसल उन्हें दो सत्र के लिए निलंबित किया गया था और सरकार सदन का सत्रावसान न कर दूसरे सत्र को ही विस्तार दे रही है इससे इस बार मानसून सत्र में भी ओपी शर्मा सदन के कामकाज में शिरकत नहीं कर सकेंगे।


