पुरूष नसबंदी पखवाड़े में 23 प्रकरण ही कर सका विभाग
स्वास्थ्य महकमें में पुरुष नसबंदी पखवाड़े के दौरान लगाये गये शिविर प्रचार-प्रसार के अभाव में दम तोड़ता नजर आया

जांजगीर। स्वास्थ्य महकमें में पुरुष नसबंदी पखवाड़े के दौरान लगाये गये शिविर प्रचार-प्रसार के अभाव में दम तोड़ता नजर आया। जिले को मिले लक्ष्य 104 के विरूद्ध 9 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में केवल 23 पुरूष नसबंदी ही किया जा सका।
संचनालय स्वास्थ्य सेवाएं की ओर से राज्य भर में पुरूष नसबंदी पखवाड़े का आयोजन गत 21 नवंबर से 4 दिसम्बर तक चलाया गया। इस पखवाड़े से पूर्व शिविर को लेकर जिले के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों को लक्ष्य दिया गया था। साथ ही स्वास्थ्य अमले के जमीनी कार्यकर्ताओं व अलग-अलग माध्यमों से नसबंदी पखवाड़े का व्यापक प्रचार-प्रसार किये जाने की बात कही गई थी। मगर स्वास्थ्य अमला प्रचार-प्रसार के नाम पर महज औपचारिकता निभाते हुये सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में लक्ष्य एवं शिविर की तिथि निर्धारित कर दी गई। जिसके चलते जिले को मिले 104 पुरूष नसबंदी के विरूद्ध केवल 23 का ऑकड़ा ही छू सका।
इस संबंध में विभाग अब अपनी नाकामी छिपाने कई तरह के तर्क प्रस्तुत करने में लगी है। जिले में दो-दो सर्जन होने के बाद भी इसका लाभ लोगों को नहीं मिल पा रहा है। गौरतलब हो कि पिछले 10 माह में केवल 1 पुरूष नसबंदी जिले में हुआ था, जो नसबंदी पखवाड़ा के पूर्व का ऑकड़ा है। ऐसे में राष्ट्रीय नसबंदी योजना का जिले में क्रियान्वयन को लेकर स्वास्थ्य अमले की गंभीरता को समझा जा सकता है। सरकार की ओर से पुरूष नसबंदी को लेकर लोगों को प्रोत्साहित करने पूर्व में दिये जाने वाले प्रोत्साहन राशि 11 सौ का बढ़ाकर 2 हजार तक कर दिया गया है। बावजूद इसके इसे लेकर लोगों में जागरूकता की कमी तो है ही विभागीय अमला भी प्रचार-प्रसार के मामले में फिसड्डी साबित हुआ है।
लोगों में जागरूकता की कमी: डॉ. मरकाम
इस संबंध में एनएसबी सर्जन डॉ. यूके मरकाम ने बताया कि पुरूष नसबंदी पखवाड़ा के दौरान जिले को मिले लक्ष्य के विरूद्ध 23 लोगों की नसबंदी की गई। उन्होंने लोगों में जागरूकता की कमी तथा नसबंदी को लेकर फैली भ्रांति को वजह बताते हुये इसकी व्यापक प्रचार-प्रसार की आवश्यकता बताई है।


