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यह जनशक्ति की ताकत है कि गरीब मां का बेटा भी प्रधानमंत्री बन सकता है

नई दिल्ली ! प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी के फैसले को जायज ठहराते हुए मंगलवार को कहा कि यह सही समय पर किया गया, लेकिन विपक्ष द्वारा नोटबंदी के दौरान हुई

यह जनशक्ति की ताकत है कि गरीब मां का बेटा भी प्रधानमंत्री बन सकता है
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नई दिल्ली ! प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी के फैसले को जायज ठहराते हुए मंगलवार को कहा कि यह सही समय पर किया गया, लेकिन विपक्ष द्वारा नोटबंदी के दौरान हुई लोगों की मौतों का मुद्दा उठाने के बावजूद प्रधानमंत्री ने इसपर कोई टिप्पणी नहीं की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का लोकसभा में जवाब दे रहे थे।

प्रस्ताव को बाद में लोकसभा में ध्वनि मत से पारित कर दिया गया, जबकि विपक्षी कांग्रेस तथा मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने सदन से बहिर्गमन किया। प्रस्ताव के पारित होने के वक्त केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा तथा प्रस्ताव के अनुमोदक भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त सदन से अनुपस्थित थे, जिसका विपक्ष विरोध कर रहा था।

कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने प्रस्ताव में संशोधन का सुझाव देते हुए उसपर मत विभाजन की मांग की। वह प्रस्ताव में नोटबंदी के कारण 125 लोगों की मौतों का जिक्र करने की मांग कर रहे थे।

सिंधिया ने कहा, "125 लोगों की मौत हो गई। मैं मत विभाजन की मांग करता हूं।"

इस दौरान लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि शोरगुल के कारण वह विपक्षी सदस्यों की बातें नहीं सुन पाईं, जिसके बाद विपक्षी सदस्यों ने सदन से बहिर्गमण किया।

प्रधानमंत्री ने नेहरू-गांधी परिवार पर निशाना साधते हुए विपक्षी कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि कांग्रेस ने सबकुछ केवल एक परिवार की खातिर किया।

मोदी ने साथ ही अपनी सरकार के नोटबंदी के कदम का बचाव भी किया और कहा कि यह भारतीय अर्थव्यवस्था को कर चोरी और काले धन से बचाने के लिए सही समय पर लिया गया सही निर्णय है। उन्होंने हालांकि नोटबंदी के दौरान बैंकों तथा एटीएम के बाहर कतारों में खड़े होने के दौरान 125 लोगों की मौत का कोई जिक्र नहीं किया।

चर्चा में शामिल कई विपक्षी पार्टियों ने नोटबंदी के कारण 125 लोगों की मौत का मुद्दा उठाया।

मोदी ने कहा, "यह कदम बिल्कुल सोच-समझ कर उठाया गया था। यह निर्णय दिवाली के बाद लिया गया, जब देशभर में व्यापार जोरों पर था।"

मोदी ने कहा, "स्वच्छ भारत की तरह ही नोटबंदी का कदम भारत को (भ्रष्टाचार और कालेधन से) स्वच्छ करने के लिए उठाया गया।"

उन्होंने कहा कि वह इसका राजनीतिक जोखिम समझते हैं।

उन्होंने कहा, "लेकिन मुझे चुनाव की चिंता नहीं है। मुझे अपने देश की चिंता है।"

मोदी ने विपक्ष से 'मुख्यधारा में जुड़ने और अपने देश के विकास में योगदान करने का आग्रह किया।'

नोटबंदी के बाद कई नियमों में कई बार किए गए बदलाव को न्यायोचित ठहराते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें नियम इसलिए बदलना पड़ा, ताकि आम आदमी को कम से कम परेशानी हो, साथ ही इसका मकसद काले धन को सफेद बनाने वाले लोगों को रोकना था।

उन्होंने कहा कि जब कांग्रेस सत्ता में थी, तब विपक्ष सवाल पूछती थी कि घोटालों के कारण कितने पैसों का नुकसान हुआ।

मोदी ने कहा, "..अब लोग पूछते हैं कि मोदी ने कितना वापस लाया। सत्ता में हमारे आने के बाद चर्चा ने किस तरह करवट ली, यह इसका प्रतीक है।"

लोकसभा में राष्ट्रपति के धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के सोमवार के बयान पर पलटवार किया और कहा, "हम जानते हैं कि कोई भी व्यवस्था जनशक्ति के बिना नहीं चल सकती। लोकतंत्र जनशक्ति की वजह से बचा है, न कि किसी एक पार्टी की वजह से।"

खड़गे ने सोमवार को लोकसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान कहा था कि 'कांग्रेस ने देश में लोकतंत्र को बचाए रखा, जिसकी वजह से गरीब परिवार के नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बन पाए।'

प्रधानमंत्री ने आपातकाल को लेकर भी कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, "हिंदुस्तान को जेल बना दिया गया था। जय प्रकाश (नारायण) बाबू समेत लाखों लोगों को जेल में डाल दिया गया था, लोकतंत्र को कुचलने के प्रयास के बावजूद जनशक्ति की ताकत थी कि लोकतंत्र बच पाया।"

उन्होंने कहा, "यह जनशक्ति की ताकत है कि गरीब मां का बेटा भी प्रधानमंत्री बन सकता है।"

प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि कांग्रेस हमेशा दावा करती रही है कि केंद्र सरकार उसकी योजनाओं को नया नाम देकर आगे बढ़ा रही है।

प्रधानमंत्री ने चुटकी लेते हुए कहा, "हम आज आपके मैदान में खेलेंगे।" उन्होंने सवाल किया कि कई योजनाएं शुरू करने के बावजूद कांग्रेस ने उन्हें तार्किक निष्कर्ष तक क्यों नहीं पहुंचाया।

उन्होंने रेलवे बजट को आम बजट के साथ ही करने को न्यायोचित ठहाराया और आश्वासन दिया कि इससे रेलवे की स्वायत्तता नहीं प्रभावित होगी।

राज्यसभा में चूंकि विपक्षी सदस्यों की संख्या अधिक है, इसलिए विपक्ष द्वारा सुझाए गए कई संशोधनों के संसद के उच्च सदन में पास होने की संभावना है।


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