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उपराज्यपाल ने केजरीवाल को पत्र लिखकर दिल्ली में बाढ़ के कारण गिनाए

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपराज्यपाल वी.के. सक्‍सेना के बीच चल रही खींचतान के बीच उपराज्यपाल ने मुख्‍यमंत्री को एक पत्र लिखकर दिल्ली में पिछले दिनों आई भीषण बाढ़ के कारण बताये हैं

उपराज्यपाल ने केजरीवाल को पत्र लिखकर दिल्ली में बाढ़ के कारण गिनाए
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नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपराज्यपाल वी.के. सक्‍सेना के बीच चल रही खींचतान के बीच उपराज्यपाल ने मुख्‍यमंत्री को एक पत्र लिखकर दिल्ली में पिछले दिनों आई भीषण बाढ़ के कारण बताये हैं।

एलजी ने अपने पत्र में कहा कि विशेषज्ञों और संबंधित एजेंसियों के अधिकारियों द्वारा किए गए विश्लेषण के आधार पर सरकार की खामियों को उजागर किया गया है।

उपराज्यपाल ने "वजीराबाद बैराज में डिस्चार्ज की गणना करने के लिए डीजेबी द्वारा रखी गई पुरानी और गलत स्तर-आधारित डिस्चार्ज कंप्यूटिंग तालिका" की ओर इशारा किया।

केजरीवाल को संबोधित अपने पत्र में एलजी ने लिखा, "हथनी कुंड से 8.28 लाख क्यूसेक का उच्चतम डिस्चार्ज 2019 में दर्ज किया गया था, जिसके परिणामस्वरूप पुराने रेलवे ब्रिज (ओआरबी) पर यमुना में जल स्तर 206.6 मीटर के निशान को छू गया था। इस साल डिस्चार्ज केवल 3.59 लाख क्यूसेक था, फिर भी ओआरबी पर यमुना का स्तर 208.66 मीटर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। दिल्ली में यमुना के 44 किमी में से वजीराबाद से ओखला तक 22 किमी के हिस्से में 18 प्रमुख रुकावटें हैं जिसके परिणामस्वरूप नदी में पानी का मुक्त प्रवाह बाधित हो गया है।"

पत्र में लिखा है कि पिछले कई वर्षों में यमुना में गाद के भारी संचय ने जल धारण क्षमता को 93 प्रतिशत तक कम कर दिया है, जिसके परिणामस्वरूप चरम निर्वहन के दौरान जल स्तर में असामान्य वृद्धि हुई है।

उपराज्‍यपाल ने डीडीए की तर्ज पर दिल्‍ली में यमुना बाढ़ क्षेत्र के लिए एक स्‍थायी विभाग बनाने का सुझाव दिया है जिसके पर इस क्षेत्र का स्‍थायी स्‍वामित्‍व हो। उन्‍होंने कहा है कि अन्‍य हितधारक विभागों को इस नये विभाग के सहायक के रूप में काम करना चाहिये जिनके पास विशिष्‍ट जिम्‍मेदारियां हों।

एलजी ने अलग-अलग 11 बिंदुओं में परिचालन और रखरखाव दक्षता बढ़ाने के लिए नियामक स्थानों पर सभी पंपिंग प्रतिष्ठानों को एक ही विभाग को सौंपने का सुझाव दिया।

उपराज्‍यपाल ने सुझाव दिया, "चौड़ाई, गहराई और ऊंचाई के संदर्भ में यमुना की हाइड्रोग्राफिक प्रोफाइल का पता लगाया जाए और पिछले 10 वर्षों से लंबित टिकाऊ डिसिल्टिंग/ड्रेजिंग को जल्द से जल्द शुरू किया जाए। यमुना बाजार और अन्य निचले इलाकों के लिए एक अग्रिम बाढ़ प्रबंधन योजना बनाई जाए।


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