जीवनदान देना ही सबसे बड़ा दान: राम नाईक
उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने आज कहा कि रक्तदान के जरिये दूसरे लोगों को जीवनदान देना ही सबसे बड़ा दान है
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने आज कहा कि रक्तदान के जरिये दूसरे लोगों को जीवनदान देना ही सबसे बड़ा दान है। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय द्वारा राजभवन में आयोजित रक्तदान शिविर का उद्घाटन करते हुए नाईक ने कहा कि स्वैच्छिक रक्तदान को बढ़ावा देने के लिए इस प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन अत्यन्त आवश्यक है।
इस प्रकार के शिविर लगाकर लोगों की सदियों से चली आ रही भ्रांतियों को दूर किया जाना चाहिये ताकि अधिक से अधिक लोग रक्तदान करने के लिये प्रेरित हों। जितना अधिक रक्तदान किया जायेगा उतनी ही अधिक संख्या में लोगों की जान बचायी जा सकेगी।
राज्यपाल ने कहा कि रक्त, रक्त ही होता है चाहे वह किसी भी धर्म, जाति, सम्प्रदाय अथवा अमीर या गरीब का हो। रक्त सभी का एक समान होता है उसमें किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं होता है।
उन्होंने कहा कि रक्तबैंकों की भी ठीक से देख-भाल की जाये ताकि उसमें किसी भी प्रकार की गड़बड़ी न की जा सके। रक्तबैंकाें में हेर-फेर करना बहुत बड़ा पाप होता है।
नाईक ने कहा कि दान कई प्रकार के होते हैं जैसे अंगदान, नेत्रदान, देहदान तथा भूदान आदि लेकिन सबसे बड़ा दान रक्तदान ही होता जिससे मनुष्यों की जान बचायी जाती है। उन्होंने कहा कि अन्य दानों की अपेक्षा रक्तदान सबसे आसान होता है और यह समाज उपयोगी कार्य है।
इस प्रकार के आयोजन से राजभवन की शोभा बढ़ती है तथा समाज में रक्तदान करने के प्रति जागरूकता आती है। इस अवसर पर राज्यपाल की प्रमुख सचिव जूथिका पाटणकर, राज्यपाल के परिसहाय स्क्वाड्रन लीडर प्रवीण भौरिया समेत 11 लोगों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। डा0 राजेन्द्र प्रसाद मेमोरियल सोसाइटी ने नाईक को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।


