एयरपोर्ट के चारदीवारी निर्माण में सोर की जमीन बन रही बाधा
एयरपोर्ट की 17 किमी लंबी चारदीवारी के निर्माण में छोटी सी जमीन बनी हुई बाधा

ग्रेटर नोएडा। नोएडा इंटरनेषनल जेवर एयरपोर्ट की चारदीवारी पूरा करने में सोर की जमीन बाधा बनी हुई है। एयरपोर्ट के पहले चरण में 13.45 हेक्टेयर जमीन है। किसान इसका मुआवजा मांग रहे हैं। तकनीकी दिक्कत के चलते यह मुआवजा नहीं मिल पा रहा है। इसके चलते चारदीवारी का काम पूरा नहीं हो पाया है।
जेवर एयरपोर्ट का पहला चरण 1334 हेक्टेयर में बनाया जा रहा है। एयरपोर्ट की चारदीवारी करीब 17 किमी लंबी है। चारदीवारी का काम लगभग पूरा हो चुका है। एक छोटा सा हिस्सा नहीं बन पा रहा है। जबकि ट्रायल रन शुरू होने से पहले इसका निर्माण कार्य पूरा किया जाना है।
चारदीवारी के पूरा नहीं होने में सोर की जमीन बाधा बनी हुई है। सोर की जमीन का किसानों के नाम पट‘टा है। साथ ही वह भूमिधरी भी है। यानी किसानों का मालिकाना हक भी मिला हुआ है।
बावजूद इसके इस जमीन का मुआवजा नहीं मिल पा रहा है। एयरपोर्ट के पहले चरण में 1334 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया गया। इसमें सोर की जमीन 13.45 हेक्टेयर है। दूसरे चरण में 1365 हेक्टेयर जमीन की अधिग्रहण प्रक्रिया चल रही है। इसमें 52 हेक्टेयर जमीन सोर की है। तीसरे चरण में 1310 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण होना है। इसमें 90 हेक्टेयर जमीन सोर की है। अगर इसका हल नहीं निकला आगामी चरणों में भी दिक्कत आएगी।
जहां पर रेहू होती है, उसे सोर की जमीन कहते हैं। इस रेहू से पहले कपड़े धुले जाते थे। इस जमीन पर जिप्सम डालकर इसे खेती योग्य बनाया गया। इस जमीन को लेकर 1920 के बाद स्थिति स्पष्ट की गई थी। इस जमीन का किसानों को पट‘टा दिया गया और फिर मालिकाना हक मिल गया। मालिकाना हक मिलने के बाद किसान मुआवजे के भी हकदार हो जाते हैं।


