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86 साल के इतिहास में पहली बार नहीं आएंगे लालबाग के राजा

प्रसिद्ध और प्रतिष्ठित लालबाग के राजा के लिए अब तक के 86 साल के इतिहास में पहली बार 11 दिवसीय गणेशोत्सव के लिए विशाल मूर्ति नहीं आएगी

86 साल के इतिहास में पहली बार नहीं आएंगे लालबाग के राजा
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मुंबई। प्रसिद्ध और प्रतिष्ठित लालबाग के राजा के लिए अब तक के 86 साल के इतिहास में पहली बार 11 दिवसीय गणेशोत्सव के लिए विशाल मूर्ति नहीं आएगी। आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी है। इस पारंपरिक 'पूजा' और अन्य कार्यक्रमों के लिए करीब 3-4 फीट की एक छोटी सी मूर्ति ही स्थापित की जाएगी। आपको बता दें कि गणेशोत्सव का पर्व पिछले 127 साल से आयोजित किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे द्वारा कोविड-19 महामारी के मद्देनजर गणेशोत्सव 2020 को अधिक श्रद्धा और कम धूमधाम से मनाने की अपील के चलते यह निर्णय लिया गया है।

लालबागचा राजा सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडल के सचिव सुधीर साल्वी ने संवाददाताओं से कहा, "इस साल हम गणेशोत्सव को 'आरोग्योत्सव' के रूप में मनाएंगे। इस दौरान ब्लड और प्लाज्मा दान करने के लिए कैंप लगाएंगे। साथ ही कोरोना बचाव, भारत-चीन सीमा पर शहीद हुए जवानों और महाराष्ट्र में कोरोना के खिलाफ लड़ाई में जिंदगी खोने वाले पुलिसकर्मियों के परिवारों के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष में 25 लाख रुपए दान करेंगे।"

बता दें कि मुख्यमंत्री ठाकरे की अपील के कारण राज्य के सभी गणेशोत्सव मंडलों ने स्वेच्छा से यह निर्णय लिया है कि इस साल गणेश प्रतिमा की ऊंचाई 4 फीट से कम ही रहेगी। यह निर्णय विशेषकर उन मंडलों द्वारा लिया गया है जो विशालकाय मूर्तियों के लिए प्रसिद्ध हैं।

लिहाजा इस साल 22 अगस्त से शुरू होने जा रहे गणेशोत्सव समारोह में मुंबई के लालबाग समेत पुणे और अन्य शहरों में हमेशा की तरह 15 फीट से अधिक वाली विशालयकाय मूर्तियां नजर नहीं आएंगी। साथ ही ज्यादातर मंडल भक्तों के लिए ऑनलाइन आरती, पूजा और दर्शनों की व्यवस्था करेंगे।'


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