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हत्यारे हाथ में संविधान उठाकर चेहरा साफ कर रहे हैं : अनिल विज

केंद्र सरकार ने 25 जून को संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। इस दिन साल 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा आपातकाल लगाया गया था

हत्यारे हाथ में संविधान उठाकर चेहरा साफ कर रहे हैं : अनिल विज
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अंबाला। केंद्र सरकार ने 25 जून को संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। इस दिन साल 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा आपातकाल लगाया गया था। अब इसको लेकर हरियाणा बीजेपी के दिग्गज नेता एवं पूर्व गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने अपनी प्रतिक्रिया दी है।

केंद्र सरकार द्वारा 25 जून को संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाए जाने को लेकर अनिल विज ने कहा, "केंद्र सरकार ने 25 जून को संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लेकर यह कहने की कोशिश की है कि जो इंदिरा गांधी ने 1975 में इमरजेंसी लगाई थी, अब कभी भी ऐसा दोबारा ना हो पाए।"

कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, "इंदिरा गांधी के वंशजों को हाथ में संविधान पकड़ कर शर्म आनी चाहिए। कांग्रेस पार्टी को यह अधिकार नहीं है कि वो संविधान की बात करे क्योंकि उनके नेता संविधान के हत्यारे हैं। अब हत्यारे हाथ में संविधान उठाकर अपना चेहरा साफ करने की कोशिश कर रहे हैं।"

उन्होंने आगे कहा, "सरकार यह कहने की कोशिश कर रही है कि इंदिरा गांधी ने 1975 में इमरजेंसी लगाकर जो किया, जब सभी मौलिक अधिकारों को रद्द कर दिया गया था, मीडिया पर पाबंदी लगा दी गई थी, लाखों लोगों को जेलों में डाल दिया था, अब कभी भी ऐसा दोबारा ना हो पाए।"

बता दें कि 25 जून को संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाए जाने के ऐलान के बाद से पक्ष-विपक्ष के नेताओं की तरफ से कई राजनीतिक प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। इस पर कांग्रेस का कहना है कि सरकार ने जांच एजेंसियों को अपने कंट्रोल में रखा है। ईडी, सीबीआई का इस्तेमाल कर करीब 95 फीसदी केस विपक्षी नेताओं पर किए गए हैं, कईं सरकारे गिराई गईं, जो कि वास्तव में संविधान की हत्या है।


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