सत्ता की मास्टर चाबी समाज के कमजोर लोगों के पास होनी चाहिए: मायावती
मायावती ने डा0 भीमराव अम्बेडकर को आज उनकी पुण्यतिथि पर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुये वोटों के माध्यम से सत्ता की मास्टर चाबी प्राप्त करने के संकल्प को दोहराया।

लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती ने डा0 भीमराव अम्बेडकर को आज उनकी पुण्यतिथि पर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुये वोटों के माध्यम से सत्ता की मास्टर चाबी प्राप्त करने के संकल्प को दोहराया।
मायावती ने आज यहां जारी बयान में कहा कि बाबा साहब की इच्छा थी कि भारत जाति-विहीन एवं मानवतावादी मजबूत राष्ट्र बने। उन्होंने कहा कि मजबूत राष्ट्र के लिये सत्ता की मास्टर चाबी समाज के कमजोर लोगों के पास होनी चाहिए। समाज के कमजोर लोगों को मालूम है कि विरोधी पार्टियों की सरकारों की नीयत तथा नीति में खोट है। ऐसे में उनका कल्याण नहीं हो सकता है।
प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री सुश्री मायावती ने पार्टी के वरिष्ठ सहयोगियों के साथ सुबह बसपा के प्रदेश कार्यालय में बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हे श्रद्धांजलि दी।
उन्होंने कहा कि “पूना-पैक्ट” के लिये आमरण अनशन के माध्यम से बाबा साहब डा. अम्बेडकर को मजबूर नहीं किया गया होता तो इस समय लोकसभा, विधानसभा, महापौर तथा अन्य आरक्षित सीटों पर दलित तथा पिछड़े समाज के प्रत्याशी ही चुनाव जीतते। देश के सर्वसमाज के करोड़ों गरीबों, मज़दूरों, शोषितों-पीड़ितों, उपेक्षितों व दलितों एवं अन्य के जीवन में समानता, न्याय सुधार के सम्बन्ध में बाबा साहब डा. अम्बेडकर के इतने एहसान हैं कि उनके क़र्ज़ को कभी भी नहीं चुकाया जा सकता।
उन्होंने कहा कि इतने महान व्यक्तित्व को भी विरोधी पार्टियों की सरकारों ने कभी समुचित आदर-सम्मान नहीं दिया। उनके अनुयाइयों को जुल्म-ज्यादती एवं हिंसा का शिकार बनाया गया। संविधान सभा में 30 दलित सदस्यों के होने के बावजूद केवल बाबा साहब डा. अम्बेडकर ही दलितों, पिछड़ों व शोषितों-उपेक्षितों के असली मसीहा एवं सर्वमान्य नेता के रुप में जाने जाते है।
मायावती ने कहा कि केन्द्र तथा उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार होने के बावजूद राज्य के लगभग 22 करोड़ लोगाें का कोई ख़ास भला नहीं हो रहा है। अपराध-नियन्त्रण एवं कानून-व्यवस्था के मामले में लापरवाही बरती जा रही है।
प्रदेश में अपराध तथा अपराधी दोनों ही सर चढ़कर बोल रहे हैं। जिसकी पुष्टि केन्द्र सरकार के अाधिकारिक आँकड़े भी कर रहे हैं। शहरी निकाय चुनाव में भाजपा के मंत्री तथा मुख्यमंत्री अपने-अपने इलाके में भी चुनाव हार गये। उन्होंने दोहराया कि महापौर चुनाव में इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन की धांधली से भाजपा की लाज बच गयी।


