रेलवे नेटवर्क के लिए संयुक्त उपक्रम बनेगा
भोपाल ! मध्य प्रदेश में रेल सुविधाओं को दूरस्थ एवं पिछड़े क्षेत्र तक पहुंचाने के लिए रेल मंत्रालय के साथ संयुक्त उद्यम कंपनी गठित करने के प्रस्ताव को आज मंत्रिमंडल ने अपनी मंजूरी दे दी।

भोपाल ! मध्य प्रदेश में रेल सुविधाओं को दूरस्थ एवं पिछड़े क्षेत्र तक पहुंचाने के लिए रेल मंत्रालय के साथ संयुक्त उद्यम कंपनी गठित करने के प्रस्ताव को आज मंत्रिमंडल ने अपनी मंजूरी दे दी। राज्य सरकार इसके लिए रेलवे से अनुबंध करेगी। मुख्य सचिव इस उपक्रम के अध्यक्ष होंगे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में संयुक्त उद्यम कंपनी गठित करने के अनुबंध हेतु परिवहन विभाग को अधिकृत किया गया। बैठक के बाद वित्तमंत्री जयंत मलैया ने बताया, कि कंपनी में 51 प्रतिशत भागीदारी मध्यप्रदेश शासन और 49 प्रतिशत भागीदारी रेल मंत्रालय की होगी। राज्य में जो भी नई रेल लाइन चिन्हित की जाएगी, उनके संबंध में सर्वे, डीपीआर तैयार करवाने, वित्तीय प्रबंधन एवं क्रियान्वयन के काम कंपनी के माध्यम से किए जाएंगे। श्री मलैया ने रीवा जिले की गुढ़ तहसील में विश्व की सर्वाधिक 750 मेगावाट क्षमता की सौर परियोजना स्थापित करने की निविदा (टेंडर) आठ फरवरी को खोले जाने एवं नौ फरवरी को नीलामी की कार्रवाई संपन्न करने को मंजूरी दी। उन्होंने बताया, कि मंत्रिमंडल ने टीसीएस को दी गई एमपी ऑनलाइन पोर्टल के परिचालन की जिम्मेदारी के नवीनीकरण को भी मंजूरी दे दी। वर्तमान में भी यह काम टीसीएस के पास है। इसके अलावा, मंत्रि-परिषद ने गजरा राजा चिकित्सा महाविद्यालय (ग्वालियर) की एमबीबीएस की सीट 150 से 250 करने (100 सीट की वृद्घि), निर्माण, उपकरण, फर्नीचर और वाहन के लिए कुल 112 करोड़ रुपये की स्वीकृति दे दी। आउटसोर्स के 122 पदों सहित कुल 588 पद सृजित एवं पूर्ति करने को भी स्वीकृति दी गई।
पौने 2 लाख करोड़ का होगा बजट
मंत्रिपरिषद की बैठक में 21 फरवरी से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र के दौरान पेश किए जाने वाले वार्षिक बजट प्रस्तावों को भी अंतिम रूप दिया गया। सूत्रों के अनुसार इस बैठक में पिछले वर्ष बजट में किए गए वित्तीय प्रावधानों के आधार पर यह प्रस्तुतिकरण भी दिया गया किस विभाग ने बजट की कितनी राशि खर्च की। विभिन्न विभागों की जरूरतों के हिसाब से बजट प्रस्तावों को अंतिम रूप भी दिया गया।


