सीएनटी और एसपीटी विधेयक के मुद्दे पर विपक्ष न मचाये हाय-तौबा: रघुवर
रघुवर दास ने आज विधानसभा में कहा कि छोटानागपुर काश्तकारी और संतालपरगना काश्तकारी अधिनियम संशोधन विधेयक का मुद्दा अब खत्म हो गया है इसलिए विपक्षी दलों को इस पर हाय-तौबा मचाने की जरूरत नहीं है
रांची। झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने आज विधानसभा में कहा कि छोटानागपुर काश्तकारी (सीएनटी) और संतालपरगना काश्तकारी (एसपीटी) अधिनियम संशोधन विधेयक का मुद्दा अब खत्म हो गया है इसलिए विपक्षी दलों को इस पर हाय-तौबा मचाने की जरूरत नहीं है।
दास ने कहा कि राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने सीएनटी-एसपीटी अधिनियम संशोधन विधेयक को पुनर्विचार के लिए वापस भेज दिया है।
यदि सरकार इसे दुबारा सदन में लाती तो चर्चा की जरूरत होती।
उन्होंने कहा कि इस संशोधन विधेयक पर भम्र की स्थिति उत्पन्न किये जाने के कारण जनजातीय परामर्शदातृ परिषद (टीएसी) की बैठक में भी कई सुझाव आये।
इसके बाद राज्य मंत्रिपरिषद ने भी इस पर फैसला ले लिया है और इससे सभी अवगत है। इससे पहले आज मॉनसून सत्र के तीसरे दिन पूर्वाह्न 11 बजे सभा की कार्यवाही शुरु होने पर नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने कहा कि संसदीय कार्यमंत्री सरयू राय के हवाले से आज अखबारों में खबर छपी है कि राज्य सरकार ने सीएनटी-एसपीटी अधिनियम संशोधन विधेयक को वापस ले लिया गया है।
इस खबर पर राज्यभर में लोग खुशियां मना रहे हैं। लेकिन सरकार को सदन में यह स्पष्ट करना चाहिए कि इस संशोधन विधेयक को निरस्त कर दिया गया है या अभी पुनर्विचार किया जाना बाकी है।
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार मीडिया को ढाल बनाकर भ्रम की स्थिति उत्पन्न करने की कोशिश में जुटी है। सोरेन ने कहा कि उन्हें खबर छपने से थोड़ी राहत मिली थी लेकिन अंदरखाने में कुछ और चल रहा है।
फिर से संशोधन विधेयक लाने की तैयारी हो रही है और अभी मुद्दे को डायवर्ट करने की कोशिश की गयी और दूसरे माध्यम से जमीन देकर व्यापारियों की मदद की कोशिश की जा रही है।
उन्होंने बताया कि सीएनटी-एसपीटी अधिनियम में संशोधन से सरकार ने लोगों का सिर्फ हाथ पकड़ने का काम किया था लेकिन अब भूमि अधिग्रहण कानून 2013 में संशोधन के माध्यम से सीधे गला ही पकड़ने की कोशिश की जा रही है।


