किसान और धान का अपमान भाजपा की फितरत है : कांग्रेस
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि धान खरीदी पर भाजपा के नेता लगातार झूठ का सहारा ले रहे है

रायपुर। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि धान खरीदी पर भाजपा के नेता लगातार झूठ का सहारा ले रहे है। किसानों के हित में ठोस काम करने वाली कांग्रेस सरकार के खिलाफ भाजपा अभी से झूठा प्रचार करने लगी है। 2018 विधानसभा चुनाव हारने के बाद क्या भाजपा नेताओं की सारी याददाश्त चली गयी है क्या? कांग्रेस सरकार ने किसानों और धान का सम्मान किया है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार ने धान का दाम 2500 रू. दिया है। पहले साल 80 लाख टन से अधिक और दूसरे साल 83 लाख टन धान की खरीदी की है। भाजपा की 15 साल की सरकार में तो 15 लाख से भी कम किसानों से औसत 50 लाख टन धान ही प्रतिवर्ष खरीदा गया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार ने पहले साल 2018-19 में 15 लाख 71 हजार किसानों से 80 लाख टन से अधिक धान खरीदा और दूसरे साल 2019-20 में 19 लाख 52 हजार किसानों से 83 लाख टन से अधिक धान खरीदा गया। इस साल 21 लाख 50 हजार से अधिक किसानों का पंजीयन हो चुका है। कांग्रेस सरकार ने किसानों का कर्ज माफ किया है जिसकी सोच ही कभी भाजपा के पास नहीं थी।
श्री त्रिवेदी ने कहा है कि धान की बर्बादी पर घडिय़ाली आंसू बहाने वाले धरमलाल कौशिक जवाब दें कि छत्तीसगढ़ में 15 साल सरकार चलाने के दौरान भाजपा सरकार ने धान को सुरक्षित भंडारण के लिये कितने गोडाउन का निर्माण करवाया था।
15 भाजपा की रमन सिंह सरकार ने 15 साल धान को संरक्षित करने और धान खरीदी को सुव्यवस्थित करने की कोई व्यवस्था ही नहीं बनाई। कांग्रेस सरकार तो धान को सुरक्षित करने के लिये चबूतरे बना रही है। कांग्रेस सरकार में तो स्थिति बहुत बेहतर है। भाजपा शासनकाल में तो इससे ज्यादा धान बारिश में भीगने और सडऩे से खराब हो जाता था।
रमन सिंह के शासनकाल में उपार्जित धान के खराब होने का विवरण जारी करते हुये संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि वर्ष 2019-20 में कुल उपार्जित 83.94 लाख मे.टन धान में से 78.80 लाख मे. टन (94.3 प्रतिशत) धान का निराकरण किया जा चुका है। शेष 5.14 लाख मे.टन धान का निराकरण जारी है, जिसे 15 दिसंबर 2020, तक निराकृत कर लिया जायेगा। संपूर्ण धान के निराकरण हुये बिना ही सूखत अथवा खराब धान की मात्रा को लेकर धरमलाल कौशिक का बयान आधारहीन और कोरी बयानबाजी है। कांग्रेस सरकार का प्रयास है कि खराब धान की मात्रा न्यूनतम रहे।


