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भारत की नीयत, नियति, नीति और नेतृत्व की प्रकृति में बौद्ध गुरुओं की प्रेरणा : रेड्डी

केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी ने आज कहा कि भारत की नीयत, नियति, नीति और नेतृत्व की बुनियादी प्रकृति में बौद्ध गुरुओं की प्रेरणा रही है

भारत की नीयत, नियति, नीति और नेतृत्व की प्रकृति में बौद्ध गुरुओं की प्रेरणा : रेड्डी
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राजगीर। केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी ने आज कहा कि भारत की नीयत, नियति, नीति और नेतृत्व की बुनियादी प्रकृति में बौद्ध गुरुओं की प्रेरणा रही है।

श्री रेड्डी ने शुक्रवार को यहां नव नालंदा महाविहार में आयोजित दीक्षांत समारोह में को संबोधित करते हुये कहा कि बुद्धिज्म और बुद्धिस्ट का भारत से पुराना रिश्ता रहा है। एशियाई देशों से बौद्ध गुरूओं का निरंतर भारत आना रहा है और आज भी आते हैं। उन्होंने कहा कि भारत की नीयत, नियति, नीति और नेतृत्व की बुनियादी प्रकृति में बौद्ध धर्म और बौद्ध गुरुओं की प्रेरणा मौजूद है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हमारे पूर्वजों ने दुनिया को बंदूक और तलवार की ताकत से नहीं बल्कि शांति और ज्ञान के माध्यम से आगे बढ़ाया है क्योंकि वहीं महात्मा बुद्ध, भगवान महावीर और नालंदा की सच्ची विरासत है। उन्होंने कहा कि आज जब विश्व में चारों तरफ तनाव और अनेक चुनौतियां बनी हुई हैं तो हमारी विरासत समाधान का मार्ग देती है क्योंकि हमने विश्व को एक परिवार माना है और प्रकृति से हमारा गहरा नाता रहा है।

श्री रेड्डी ने छात्रों को संबोधित करते हुये कहा कि इस डिग्री के बाद आपकी नई यात्रा में आपके अनेक सपनें होंगे और बड़े लक्ष्य होंगे। छात्र अपने सपनों के साथ-साथ अपनी विरासत को आगे बढ़ाने का संकल्प जरूर करें। उन्होने कहा कि 2020 में 34 वर्षों के बाद राष्ट्रीय शिक्षा नीति आई है। देश में बड़े बड़े विद्वानों का मानना है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति नए भारत के सपनों को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगी और आत्मनिर्भर भारत के लिए मील का पत्थर साबित होगी।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर विरासत पर गर्व करने का भी प्रण लिया है। जब विरासत की बात आती है तो छात्रों की जिम्मेदारी और अधिक बढ़ जाती है क्योंकि वह ऐसे स्थान पर बैठे हैं जहां से कभी महात्मा बुद्ध, भगवान महावीर, नागार्जुन, शीलभद्र जैसे महान लोगों ने पूरी दुनिया को अपने ज्ञान से समृद्ध किया था।


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