रिजर्व बैंक की सूचना गलत या सही, बताए सरकार : कांग्रेस
कांग्रेस ने कहा है कि सूचना के अधिकार-आरटीआई के तहत रिजर्व बैंक ने घोटालेबाजों के 68 हजार करोड रुपए का कर्ज माफ करने संबंधी जो सूचना दी थी वह सही है या गलत, इस बारे में सरकार को स्पष्टीकरण देना चाहिए।

नयी दिल्ली। कांग्रेस ने कहा है कि सूचना के अधिकार-आरटीआई के तहत रिजर्व बैंक ने घोटालेबाजों के 68 हजार करोड रुपए का कर्ज माफ करने संबंधी जो सूचना दी थी वह सही है या गलत, इस बारे में सरकार को स्पष्टीकरण देना चाहिए।
कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख रणदीप सिंह सुरजेवाला ने बुधवार को सरकार से पूछा कि यदि रिजर्व बैंक ने आरटीआई के तहत सही सूचना दी है तो उसको बताना चाहिए कि जो कर्जदार पैसा लौटाने के बजाय विदेश भागे हैं उनके कर्ज को किस आधार पर माफ किया गया। उनका कहना था कि इस बारे में रिजर्व बैंक ने 24 अप्रैल को एक आरटीआई के तहत घोटालेबाजों की सूची दी है, सरकार को बताना चाहिए कि यह सूची गलत है या सही है।
उन्होंने ट्वीट कर एक शायरी में सरकार से पूछा “ देश को भटकाने की बजाय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जी को सत्य बताना चाहिए, क्योंकि यही राज धर्म की कसौटी है। हम आपको और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को यही कहेंगे-‘तू इधर उधर की बात न कर,ये बता की क़ाफ़िला क्यों लूटा, मुझे रहजनों से गिला नही,तेरी रहबरी का सवाल है।”
और निर्मला जी, ₹6,66,000 के क़र्ज़ राइट ऑफ़ को “सिस्टम की सफ़ाई” नही, बैंक में जमा “जनता की गाढ़ी कमाई की सफ़ाई” कहते हैं।
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) April 29, 2020
हम आपको व मोदी जी को यही कहेंगे -
तू इधर उधर की बात न कर,
ये बता की क़ाफ़िला क्यों लूटा,
मुझे रहजनों से गिला नही,
तेरी रहबरी का सवाल है। https://t.co/mjpyvgUVme
प्रवक्ता ने सरकार से सवाल किए और कहा “मोदी सरकार ने 2014-15 से 2019-20 के बीच डिफ़ॉल्टरों का 6,66,000 करोड़ क़र्ज़ क्यों राइट ऑफ़ किया। क्या 50 डिफ़ॉल्टरों का 68,607 करोड रुपए क़र्ज़ माफ़ करने का रिजर्व बैंक का आरटीआई का जबाब सही है। मोदी सरकार देश का पैसा ले कर भाग गए घोटालेबाज़ों - नीरव मोदी+मेहुल चाैकसी के 8,048 करोड़, जतिन मेहता के 6,038 करोड़, विजय माल्या के 1,943 करोड़ रुपए तथा अन्य मित्रों का क़र्ज़ क्यों राइट ऑफ़ कर रही है। इतना बड़े 6,66,000 करोड़ के बैंक क़र्ज़ राइट ऑफ़ की अनुमति सरकार में किसने दी और क्यों और निर्मला जी, 6,66,000 के क़र्ज़ राइट ऑफ़ को “सिस्टम की सफ़ाई” नही, बैंक में जमा “जनता की गाढ़ी कमाई की सफ़ाई” कहते हैं।”


