Top
Begin typing your search above and press return to search.

चार माह से लद्दाख के विवाद वाले इलाकों में भारतीय सेना की गश्त ही नहीं हुई है!

इसे अब आधिकारिक तौर पर मान लिया गया है कि लद्दाख के मोर्चे से यह बुरी खबर कही जा सकती है कि भारतीय सेना उन आठ विवादित क्षेत्रों में फिलहाल गश्त आरंभ नहीं कर पाई है

चार माह से लद्दाख के विवाद वाले इलाकों में भारतीय सेना की गश्त ही नहीं हुई है!
X

जम्मू । इसे अब आधिकारिक तौर पर मान लिया गया है कि लद्दाख के मोर्चे से यह बुरी खबर कही जा सकती है कि भारतीय सेना उन आठ विवादित क्षेत्रों में फिलहाल गश्त आरंभ नहीं कर पाई है जहां चीनी सेना लाभप्रद स्थिति में होने के कारण भारतीय जवानों के लिए खतरा साबित हो सकती है।

दरअसल 15 जून को गलवान वैली इलाके में हुई खूरेंजी झड़प में 20 जवानों की शहादत के बाद से ही विवादित इलाकों में गश्त रोक दी गई थीं। सेनाधिकारी इसे टेम्पोरेरी बताते हुए कहते थे कि भारतीय सेना का मानना था कि पहले चीनी सेना के साथ बातचीत से मसला सुलझा लिया जाए। पर वैसा कुछ हुआ नहीं जैसा भारतीय सेना अनुमान लगा रही थी।

ऐसे विवाद कई पैट्रोलिंग प्वाइंटों पर हैं। कई इलाकों मंें हालांकि समझौतों के अनुरूप चीनी सेना ने कदम पीछे हटाए जरूर, पर वे नगण्य ही माने जा सकते हैं। गलवान वैली मंें वह एक किमी पीछे तो गई पर उसने बफर जोन बनवा कर एलएसी को ही सही मायने में एक किमी भारतीय क्षेत्र में धकेल दिया। फिलहाल इस पर मतभेद जारी है।

फिंगर 4 के इलाके को ही लें, चीनी सेना मात्र 800 मीटर पीछे हट कर पहाड़ियों पर लाभप्रद स्थिति में आ डटी और वहां से गुजरने वाल भारतीय सेना के गश्ती दल उसके सीधे निशाने पर आ गए। नतीजा सामने है। सेना के शब्दों में गश्त फिलहाल अस्थाई तौर पर स्थगित की गई है। उनके मुताबिक, ऐसा इसलिए किया गया ताकि चीनी सेना समझौते का पालन कर सके और उनकी वापसी की कार्रवाई के दौरान किसी पक्ष की ओर से कोई उकसावे वली कार्रवाई न हो सके।

ऐसा ही दौलत बेग ओल्डी तक जाने वाली सड़क पर भी है। वहां भी भारतीय गश्त नहीं है। चीनी सेना पहले ही इस सड़क पर होने वाली भारतीय सेना की गश्त से खुश नहीं थी। वह कई बार इस पर आपत्ति जता चुकी थी। और अब जबकि चीनी सेना को पीछे हटाने के लिए हुए समझौतों के अनुरूप, भारतीय सेना को भी कई इलाकों में पीछे हटना पड़ा पर चीनी सेना नहीं हटी।

लद्दाख में चीन सीमा पर विवादित इलाकों में भारतीय सेना की गश्त को अस्थाई रूप से स्थगित किए जाने के प्रति रक्षा सूत्रों का कहना था कि यह अस्थाई है और अगले हफ्ते एक बार फिर होने वाली कोर कमांडर स्तर की वार्ता के बाद इसे बहाल कर दिया जाएगा।

चीन ने भारत से फिंगर 4 से भी पीछे हटने को कहा जबकि भारत फिंगर 8 तक पैट्रोलिंग किया करता था और उसे फिंगर 8 को एलएसी मानता है। फिंगर 4 एलएसी के इस पार भारत के नियंत्रण वाला क्षेत्र रहा है। लेकिन मई महीने से चीनी सेना फिंगर 4 पर आ चुकी थी बाद में बातचीत के बाद चीनी सेना फिंगर 5 पर चली गई। भारतीय सेना को अब भी चीनी सेना फिंगर 8 तक पैट्रोलिंग करने के लिए आगे नहीं बढ़ने दे रही। जिसका परिणाम यह है कि दोनों के बीच टकराव तनावपूर्ण होता दिख रहा है।

सेना अधिकारियों के बकौल, गोगरा हॉट स्प्रिंग के पैट्रोलिंग पॉइंट 17 और 17-ए से भी अब चीनी सेना पीछे नहीं हट रही और डिसइनगेजमेंट प्रक्रिया का पालन नहीं कर रही है। कुछ समय पहले रक्षा मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट पर एक डाक्यूमेंट भी अपलोड किया था जिसमें उसने स्वीकार किया था कि मई महीने से चीन लगातार एलएसी पर अपना अग्रेशन बढ़ाता जा रहा है खासतौर से गलवान घाटी, पैंगोंग त्सो, गोगरा हॉट स्प्रिंग जैसे क्षेत्रों में। इस दस्तावेज के मुताबिक, 5 मई के बाद से चीन का यह आक्रामक रूप एलएसी पर नजर आ रहा है और 5 और 6 मई को ही गलवान वैली इलाके में भारत और चीन की सेना के बीच में हिंसक झड़प हुई थी।

--सुरेश एस डुग्गर--


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it