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कठिन दौर में तीन बार आत्महत्या करने का विचार आया था : शमी

भारतीय टीम के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी ने खुलासा करते हुए कहा है कि निजी और पेशेवर जिंदगी में परेशानी के कारण कठिन दौर में उन्होंने तीन बार खुदखुशी करने के बारे में सोचा था

कठिन दौर में तीन बार आत्महत्या करने का विचार आया था : शमी
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नई दिल्ली। भारतीय टीम के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी ने खुलासा करते हुए कहा है कि निजी और पेशेवर जिंदगी में परेशानी के कारण कठिन दौर में उन्होंने तीन बार खुदखुशी करने के बारे में सोचा था।

शमी ने सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा के साथ इंस्टाग्राम पर लाइव चैट के दौरान अपनी निजी जिंदगी और पेशेवर जीवन से जुड़ी परेशानियों के बारे में खुलकर बात की और कहा कि उस दौरान मेरे परिवार ने उनका साथ दिया जिससे वह इस कठिन दौर से उबर सके।

उल्लेखनीय है कि 2018 में मोहम्मद शमी की पत्नी हसीन जहां ने उन पर घरेलू उत्पीड़न का आरोप लगाया था और उनके खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज कराया था जिसके बाद बीसीसीआई ने भी कुछ समय के लिए शमी को केंद्रीय अनुबंध से बाहर कर दिया था। शमी इसके बाद दुर्घटना में चोटिल हो गए थे और लंबे समय तक मैदान से बाहर रहे थे।

शमी ने कहा, “मेरे ख्याल से अगर मेरे परिवार ने उस दौरान मेरा समर्थन नहीं किया होता तो मैं क्रिकेट नहीं खेल पाता। मैंने निजी परेशानी के कारण तीन बार खुदखुशी करने के बारे में सोचा था।”

29 वर्षीय गेंदबाज ने कहा कि वह उन दिनों अपने खेल पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पा रहे थे। उन्होंने कहा, “मैं उस वक्त क्रिकेट के बारे में नहीं सोच पा रहा था। हम २४ वीं मंजिल पर रहते हैं और मेरे परिवार को यह डर लगा रहता था कि मैं बालकॉनी से छलांग ना लगा दूं। इस दौरान मेरे भाई ने मेरा बहुत साथ दिया।”

शमी ने कहा, “मेरे दो-तीन दोस्त 24 घंटा मेरे साथ रहते थे। मेरे माता-पिता ने मुझसे क्रिकेट पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कहा जिससे मैं इस दौर से बाहर निकल सकूं। मैंने देहरादून में अकादमी में ट्रेनिंग शुरु की और खूब पसीना बहाया।”

तेज गेंदबाज ने रोहित से कहा, “रिहैब काफी तनावपूर्ण था क्योंकि एक ही व्यायाम रोज करना पड़ता था। उसके बाद पारिवारिक परेशानी शुरु हो गयी और दुर्घटना में मैं घायल हो गया। दुर्घटना आईपीएल से 10-12 दिन पहले हुई और मेरी निजी जिंदगी की परेशानी मीडिया में हैडलाइन बनी हुई थी।”

उन्होंने कहा, “मेरा परिवार इस दौरान हमेशा मेरे साथ रहा और इससे बड़ी ताकत कुछ नहीं थी। उन्होंने मुझसे कहा कि हर परेशानी का समाधान है, इसलिए तुम सिर्फ अपने खेल पर ध्यान केंद्रित करो। मेरा भाई मेरा साथ था, मेरे कुछ दोस्त संग थे और मैं उन्हें कभी नहीं भूल सकता।”

शमी ने 2015 विश्वकप में चोटिल होने पर कहा, “2015 विश्वकप में मैं चोटिल हो गया था और दोबारा टीम में शामिल होने में मुझे 18 महीने लग गए और यह दौर मेरे करियर का सबसे बुरा वक्त था।”

उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज के दौरान टीम में वापसी की। 2019 में वह भारत की ओर से टेस्ट क्रिकेट में सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज बने। शमी ने पिछले साल आठ टेस्ट मैच में 33 विकेट झटके थे।


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