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चैरिटी शो 'संगीत सेतु' की अपार सफलता ने धवस्त किए तमाम रिकॉर्ड

कोरोनावायरस के खिलाफ जंग में कोरोना योद्धाओं के प्रति एकजुटता दिखाने और इस संकट की घड़ी में माहौल को थोड़ा खुशनुमा बनाने के लिए बॉलीवुड जगत के तमाम दिग्गज गायक 'ब्रिज ऑफ म्यूजिक' या 'संगीत सेतु' चैरि

चैरिटी शो संगीत सेतु की अपार सफलता ने धवस्त किए तमाम रिकॉर्ड
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नई दिल्ली। कोरोनावायरस के खिलाफ जंग में कोरोना योद्धाओं के प्रति एकजुटता दिखाने और इस संकट की घड़ी में माहौल को थोड़ा खुशनुमा बनाने के लिए बॉलीवुड जगत के तमाम दिग्गज गायक 'ब्रिज ऑफ म्यूजिक' या 'संगीत सेतु' चैरिटी शो लेकर सामने आए हैं। इस शो ने अपार सफलता प्राप्त करते हुए सभी रिकॉर्ड धवस्त कर दिए हैं। इस चैरिटी कार्यक्रम ने दूरदर्शन से लेकर ऑनलाइन संगीत साइटों तक विभिन्न प्लेटफार्मों पर सबसे अधिक देखे जाने वाले शो के मामले में कीर्तिमान स्थापित किया है।

इसे 25 करोड़ से अधिक लोगों ने ऑनलाइन देखा और इंटरनेट प्रयोग करने वाले 23 करोड़ लोगों ने इसे स्ट्रीम किया है, जिसके परिणामस्वरूप सोशल मीडिया पर इसे कुल 63 करोड़ लोगों ने देखा है।

यह मेगा चैरिटी शो वास्तव में रामायण और महाभारत के पुन: प्रसारण के साथ डीडी के सुनहरे दिनों की यादों को वापस ले आया है।

जब भी राष्ट्र युद्ध जैसी किसी स्थिति में आया है तो हमारे गायकों ने कठिन समय के दौरान देश का मनोबल ऊंचा रखने के लिए एकता की ताकत दिखाई है।

लता मंगेशकर द्वारा गाया लोकप्रिय गीत 'ऐ मेरे वतन के लोगों' तो सभी को याद ही है।

आज जब हमारा देश बहादुरी से कोविड-19 के खिलाफ युद्ध लड़ रहा है तो हमने 10, 11 और 12 अप्रैल को संगीत के माध्यम से राष्ट्र को डिजिटल रूप से जोड़ने के लिए भारतीय संगीत उद्योग के दिग्गजों का शानदार सहयोग देखा।

इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए केवल दो या चार नहीं बल्कि 18 संगीतकार तीन दिनों की लंबी सीरीज लेकर आए और कोरोना के योद्धाओं के साथ ही आम नागरिकों का भी हौसला बढ़ाने का काम किया।

इस कार्यक्रम की हौसला-अफजाई के लिए प्रसिद्ध गायिका लता मंगेशकर से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक ने ट्वीट किया।

बॉलीवुड अभिनेता अक्षय कुमार ने तीन दिन तक चलने वाले वर्चुअल म्यूजिक कॉन्सर्ट की मेजबानी की।

इस कार्यक्रम में कैलाश खेर और अनूप जलोटा समेत कई गायकों ने इसकी शुरूआत की। इसमें लता मंगेशकर, आशा भोसले, बालासुब्रमण्यम, के. जे. येसुदास, उदित नारायण, अनूप जलोटा, पंकज उधास, कविता कृष्णमूर्ति, सुदेश भोसले, सुरेश वाडेकर, अल्का याग्निक, कुमार सानू, हरिहरण, शंकर महादेवन, सोनू निगम, सलीम मर्चेंट, शान जैसे पुराने गायक-गायिकाओं से लेकर नए गायकों ने भी अपना सहयोग दिया।

सोनू निगम ने तो दुबई में बैठकर इसके लिए अपना सहयोग दिया, जबकि येसुदास ने अमेरिका से इसमें भाग लिया। सभी ने देशवासियों को एकजुटता दिखाने के साथ ही लॉकडाउन के दौरान लोगों का मनोरंजन भी किया।

एक सामान्य परिदृश्य में कल्पना कीजिए कि जब कोई संगीत कार्यक्रम होता है तो बहुत सारा 'ताम-झाम' इसके पीछे रहता है। बहुत सारी रिकॉडिर्ंग, साउंड विशेषज्ञ काम कर रहे होते हैं। मगर संगीत सेतु में बिना किसी खास उपकरणों के महज एक मोबाइल फोन के जरिए भी बेहतरीन कार्यक्रम प्रस्तुत किया। यही वजह है कि इस कार्यक्रम से लाखों-करोड़ों लोग जुड़ते चले गए।

'संगीत सेतु' का राष्ट्र पर प्रभाव जबरदस्त देखने को मिला। यह दूरदर्शन सहित 300 से अधिक मीडिया चैनलों और 40 से अधिक ऑनलाइन/ओटीटी प्लेटफार्मों पर प्रसारित किया गया। इस शो की सफलता ने रामायण और महाभारत के साथ जुड़ी लोगों की सुनहरी यादों को फिर से तरोताजा कर दिया।

यह शो महज भारत में ही नहीं बल्कि ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन और कई अन्य देशों के लोगों द्वारा भी देखा गया।

इसके अलावा संस्कृति मंत्रालय ने 'संगीत सेतु' को एक राष्ट्रीय संपत्ति के रूप में मान्यता दी और इसे आगे बढ़ाने के लिए रुचि दिखाई। इसे देखने वाले लोगों की संख्या आंके तो यह भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच देखने वाले लोगों की तुलना में भी अधिक है!


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