कांग्रेस का इतिहास रहा है कि वह वादे पूरा नहीं करती : शिवराज
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यहां शुक्रवार को कहा कि कांग्रेस का इतिहास रहा है कि वह कभी भी वादे पूरा नहीं करती

पटना। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यहां शुक्रवार को कहा कि कांग्रेस का इतिहास रहा है कि वह कभी भी वादे पूरा नहीं करती।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने मध्य प्रदेश में सरकार बनने के बाद 10 दिनों के अंदर किसानों के कर्ज माफ करने के वादे किए थे, लेकिन अब तक कर्ज माफ नहीं किए गए।
पटना में एक संवाददाता सम्मेलन में चौहान ने विपक्षी दलों के महागठबंधन को 'ठगबंधन' बताते हुए कहा कि कहीं भी महागठबंधन नहीं हो सका। उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में तो कांग्रेस को पूछा तक नहीं गया। उन्होंने कहा कि यह चुनाव नेतृत्व, विकास के काम और जन कल्याणकारी योजनाओं के मुद्दे पर लड़ा जा रहा है और तीनों मुद्दों पर विपक्ष कहीं भी राजग के सामने नहीं ठहरता है।
शिवराज सिंह ने कांग्रेस के घोषणापत्र की चर्चा करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश, छतीसगढ़ और राजस्थान विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने जो वादे किए थे, उसे अब तक पूरा नहीं किया। अब जब लोकसभा का चुनाव आया है, तो फिर से वादों का पुलिंदा लेकर जनता के बीच चली आई है।
उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का एक वीडियो दिखाकर कहा कि राहुल ने कहा था कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के 10 दिन के अंदर किसानों का कर्ज माफ किया जाएगा। अगर दस दिन के अंदर कर्ज माफ नहीं हुआ, तो मुख्यमंत्री बदल देंगे।
उन्होंने कहा, "आज मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार बने 106 दिन हो गए, कर्ज माफ नहीं हुआ। अब वहां चुनाव आदर्श आचार संहिता के बहाने बनाए जा रहे हैं।"
उन्होंने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री के संदेश दिखाते हुए कहा कि आज किसानों को अपने संदेश में मुख्यमंत्री कमलनाथ कह रहे हैं कि आम चुनाव के बाद कर्ज माफ किया जाएगा। वे आचार संहिता का बहाना बना रहे हैं, जबकि पहले से चल रही योजनाओं में आचार संहिता आड़े नहीं आती।
दो जगहों से चुनाव लड़ने पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को आड़े हाथों लेते हुए चौहान ने कहा कि अमेठी में हार के डर से वे केरल के वायनाड से चुनाव लड़ रहे हैं।
चौहान ने कहा कि इस लोकसभा चुनाव में राजग पिछली बार से अधिक सीटें जीतेगा, जबकि अकेली भाजपा ही पूर्ण बहुमत प्राप्त करेगी।


