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​​​​​​​विकास दर और शेयर बाजार की तेजी वास्तविक नहीं आभासी है: स्वामी

जाने-माने अर्थशास्त्री और भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने आज कहा कि अर्थव्यवस्था की तेज विकास दर और शेयर बाजार की मौजूदा तेजी वास्तविक नहीं आभासी है तथा यह कभी भी ढह सकते हैं।

​​​​​​​विकास दर और शेयर बाजार की तेजी वास्तविक नहीं आभासी है: स्वामी
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नयी दिल्ली। जाने-माने अर्थशास्त्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने आज कहा कि अर्थव्यवस्था की तेज विकास दर और शेयर बाजार की मौजूदा तेजी वास्तविक नहीं आभासी है तथा यह कभी भी ढह सकते हैं।

स्वामी ने यहाँ उद्योग संगठन एसोचैम द्वारा यहाँ आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि आर्थिक विकास दर 10 प्रतिशत या उससे ऊपर ले जाने के लिए पारिवारिक बचत को प्रोत्साहित करना जरूरी है। लेकिन, मौजूदा सरकार ने पिछले तीन साल में पारिवारिक बचत को हतोत्साहित करने वाली नीतियाँ बनाई हैं। उन्होंने इसके लिए आयकर समाप्त करने और सावधि जमा पर ब्याज दर बढ़ाकर कम से नौ प्रतिशत करने की वकालत की। साथ ही उन्होंने उद्योगों के लिए सस्ती पूँजी उपलब्ध कराने के लिए प्राइम ऋण दर कम करने की भी बात कही।

भाजपा सांसद ने कहा कि भारत को विकसित देशों की श्रेणी में शामिल करने के लिए लगातार 10 साल तक 10 प्रतिशत या उससे ऊपर की विकास दर की जरूरत है। कुल निवेश में देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का सिर्फ दो प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के जरिये आता है।

तीन साल पहले तक घरेलू बचत का योगदान जीडीपी का 35 प्रतिशत था जो अब घटकर 29 प्रतिशत पर आ गया है। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार ने रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन की सलाह पर ऐसी नीतियाँ लागू कीं जिनसे पारिवरिक बचत हतोत्साहित हुये।

स्वामी ने कहा कि नवाचार के लिए युवाओं को प्रेरित करने और अनुसंधान एवं विकास पर व्यय बढ़ाने की सलाह देते हुये कहा कि जीडीपी पूँजी निवेश से नहीं बढ़ती। यह नवाचार से बढ़ती है और इसलिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का फायदा तभी है जब उसके साथ निवेशक कंपनी की तकनीक भी भारतीय कंपनियों को हस्तांतरित हो। उन्होंने कहा कि भारत के पास मानव संसाधन की कमी नहीं है, जरूरत है उसे नवाचार के लिए प्रोत्साहित करने की।


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