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सरकार ने देश को नफरत, निराशा एवं नकारात्मकता के दलदल में धकेला : अलका लाम्बा

भारत को हर स्तर पर तोड़ा जा रहा है और देश के संसाधनों का रुख मुट्ठी भर लोगों की ओर मोड़ा जा रहा है

सरकार ने देश को नफरत, निराशा एवं नकारात्मकता के दलदल में धकेला : अलका लाम्बा
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जयपुर, कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता अलका लाम्बा ने केन्द्र की भाजपा नीत सरकार पर देश के युवाओं को रोजगार के पर्याप्त अवसर नहीं देने, प्रत्येक परिवार को महंगाई एवं देश को असमानता और कर्ज की आग में झोंकने, सिर्फ धन्ना सेठों को मौका देने, किसानों की आमदनी दोगुनी करने का कोरा झांसा देने तथा समाज के पिछड़े, दलित, आदिवासी वर्गों को तरक्की का पर्याप्त अवसर नहीं देने का आरोप लगाते हुए कहा है कि इन सब नाकामियों पर पर्दा डालने के लिए भारत को नफरत, निराशा और नकारात्मकता के दलदल में धकेल दिया।

अलका लांबा ने आज यहां प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में बोल रही थी। उन्होंने कहा कि आज भारत को हर स्तर पर तोड़ा जा रहा है और देश के संसाधनों का रुख मुट्ठी भर लोगों की ओर मोड़ा जा रहा है। इसलिए पार्टी के नेता राहुल गांधी कन्याकुमारी से कश्मीर तक भाजपाई सत्ता की नफरत, निराशा और नकारात्मकता की जड़ता को तोड़ रहे हैं और भारत को जोड़ रहे हैं। भारत जोड़ो यात्रा में लाखों-करोड़ों लोग पैदल चल रहे हैं। कन्याकुमारी से शुरू हुई यह पदयात्रा अब जम्मू पहुंच गई है और 3900 किलोमीटर लम्बी यात्रा का आज 131वां दिन है।

अब कांग्रेस पार्टी इस ‘‘भारत जोड़ो’’ अभियान को और अधिक व्यापकता प्रदान करने के लिए समूचे देश में 26 जनवरी से 26 मार्च तक एक जनसंवाद कार्यक्रम ‘हाथ से हाथ जोड़ो अभियान’ शुरु करेगी जिसका नेतृत्व ब्लॉक कांग्रेस कमेटियां करेंगी। इस अभियान के तहत देश के छह लाख गांवों, ढाई लाख लाख ग्राम पंचायतों और दस लाख मतदान बूथों तक पहुँचकर राहुल गाँधी का संदेश और मोदी सरकार की नाकामियों की चार्जशीट हर घर तक पहुँचाई जाएगी।
उन्होंने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा और हाथ से हाथ जोड़ों अभियान की इसलिए जरुरत पड़ी कि देश में मोदी सरकार जब से सत्ता में आई है, महंगाई से देश के नागरिकों की कमर टूटती जा रही है। वर्ष 2014 में जो गैस का सिलेंडर 410 रुपए का था, आज वह 1050 रुपए के पार है। पेट्रोल के दाम 70 रुपए प्रति लीटर से बढ़कर सौ रुपए प्रति लीटर के पार हो गए हैं जबकि डीजल के दाम 55 रुपए प्रति लीटर से बढ़कर 90 रुपए प्रति लीटर के करीब पहुंच गए हैं। खाने के तेल और दाल की कीमत 70 रुपए और 60 रुपए प्रति किलो थी, वह 200 रुपए प्रति किलो को पार कर गई है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल की कीमतें लगातार घट रही हैं मगर मोदी सरकार पेट्रोल-डीजल की कीमतें कम नहीं कर रही है। गत आठ सालों में पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स पर कर लगाकर 29 लाख करोड़ रुपए जनता की जेब से निकाले गए हैं। इतना ही नहीं, बीते दिनों जीएसटी की बर्बर मार से दही, पनीर, लस्सी, आटा, सूखा सोयाबीन, मटर एवं मुरमुरे भी बच नहीं सके, उन पर भी पांच प्रतिशत जीएसटी लगा दिया गया।

अलका लाम्बा ने कहा कि होटल के एक हजार रुपए के कमरे पर 12 प्रतिशत जीएसटी, अस्पताल के आईसीयू बेड पर पांच प्रतिशत जीएसटी, जीने के लिए सभी आवश्यक चीजों पर जीएसटी लगाकर चैन नहीं मिला तो श्मशान घाट के निर्माण पर भी जीएसटी बढ़ा दिया गया है।
उन्होंने देश को असमानता और कर्ज की आग में झोंक देने और सिर्फ धन्ना सेठों को मौका देने का आरोप लगाते हुए कहा कि हाल में आई ‘ऑक्सफैम’ की रिपोर्ट में बताया गया है कि देश के पांच प्रतिशत अमीर लोगों के पास देश की 60 प्रतिशत से ज्यादा संपत्ति है और नीचे के 50 प्रतिशत लोगों के पास देश की मात्र तीन प्रतिशत संपत्ति। विडंबना यह है कि नीचे के इन 50 प्रतिशत लोगों की जीएसटी में हिस्सेदारी 64 प्रतिशत है और ऊपर के 10 प्रतिशत लोगों की जीएसटी में हिस्सेदारी केवल तीन प्रतिशत है जबकि उनके पास देश की 70-80 प्रतिशत संपत्ति है।


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