परिवार प्रकृति की दी हुई संरचना : मोहन भागवत
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सर संघ चालक मोहन भागवत ने शुक्रवार को कहा कि परिवार प्रकृति की दी हुई सरंचना है

कानपुर। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सर संघ चालक मोहन भागवत ने शुक्रवार को कहा कि परिवार प्रकृति की दी हुई सरंचना है। इसे सुरक्षित रखना और इसका संरक्षण करना हमारा दायित्व है। कानपुर प्रांत की बैठक में प्रांतीय पदाधिकारियों से कुटुंब प्रबोधन के संबंध में हो रहे कार्यो की जानकारी लेने के बाद मोहन भागवत ने कहा कि, "परिवार की कल्पना बहुत विस्तृत है। परिवार केवल पति, पत्नी और बच्चे नहीं हैं। परिवार में बुआ, चाचा, चाची, दादा, दादी आदि भी शामिल हैं। ये सभी प्राचीन काल से हमारी परिवार संकल्पना में साथ रहे हैं। इसीलिए परिवार असेंबल की गई इकाई नहीं बल्कि प्रकृति प्रदत्त सरंचना माना गया है।"
संघ प्रमुख ने कहा कि, "बच्चों में छोटे से ही अतिथि देवो भव का भाव उत्पन्न करना चाहिए। जब ऐसा होगा तभी वे रिश्तों को ठीक से समझेंगे। घरों में महापुरुषों के चित्र लगाए जाने चाहिए। साथ ही उनकी कहानियां और संस्मरण बच्चों को सुनाए जाने चाहिए। इन सभी रिश्तों को निभाने के लिए परिवार में बच्चों के लिए प्रारंभकाल से ही संस्कार निर्माण करने की योजना होनी चाहिए। "


