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भारत में पहली बुलेट ट्रेन की नींव, अबे ने कहा जय जापान जय इंडिया

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और जापान के प्रधानमंत्री शिंजो अबे ने देश में रेलवे के इतिहास के नये युग का शुभारंभ करते हुए मुंबई अहमदाबाद हाईस्पीड रेल परियोजना की आज यहां आधारशिला रखी

भारत में पहली बुलेट ट्रेन की नींव, अबे ने कहा जय जापान जय इंडिया
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अहमदाबाद। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और जापान के प्रधानमंत्री शिंजो अबे ने देश में रेलवे के इतिहास के नये युग का शुभारंभ करते हुए मुंबई अहमदाबाद हाईस्पीड रेल परियोजना की आज यहां आधारशिला रखी। इसके साथ ही देश में हवा से बातें करने वाली उच्चगति की रेलसेवा की शुरूआत की उल्टी गिनती शुरू हो गयी।

अहमदाबाद के साबरमती स्थित रेलवे के एथलेक्टिस स्टेडियम में आयोजित एक भव्य समारोह में दस हजार से अधिक लोगों के समक्ष दोनों प्रधानमंत्रियों ने यहां बनने वाले मुख्य स्टेशन एवं यार्ड तथा वडोदरा में निर्मित होने वाले हाईस्पीड रेल ट्रैक प्रशिक्षण संस्थान के निर्माण की आधारशिला पट्टिका का अनावरण किया।

इस मौके पर गुजरात के राज्यपाल ओ पी कोहली, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फणनवीस, गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी एवं उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल, रेल मंत्री पीयूष गोयल, रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा, विदेश सचिव एस जयशंकर, रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष अश्वनी लोहानी तथा विदेश मंत्रालय एवं रेलवे बोर्ड के शीर्ष अधिकारी तथा जापान सरकार के मंत्री एवं अधिरी उपस्थित थे। मुख्य मंच के बगल में बने मंच पर रंगारंग कार्यक्रम पेश किये गये। बॉलीवुड गायिका ऐश्वर्या मजूमदार ने कई फिल्मी गीत पेश करके उपस्थित जनसमूह का मनमोह लिया।

इस मौके पर फणनवीस ने कहा कि यह बुलेट ट्रेन परियोजना की नहीं बल्कि नये भारत की नींव रखी गयी है। इसका गुजरात एवं महाराष्ट्र के लाखों लोगों को रोज़गार मिलेगा। दोनों राज्योंं के सकल घरेलू उत्पाद में वृद्धि होगी। रूपाणी ने अपने संबोधन में कहा कि यह श्री मोदी की दूरदृष्टि का परिणाम है इससे ना केवल गुजरात बल्कि देश का विकास होगा। उन्होंने श्री मोदी और श्री आबे का गुजरात की जनता की ओर से आभार व्यक्त किया। पूरे गुजरात में बुलेट ट्रेन को लेकर बहुत उल्लास एवं उत्साह का माहौल है। सभी आय वर्गों के लोग बुलेट ट्रेन को जल्द से जल्द देखने को उत्सुक हैं।

रेल मंत्री गोयल जी ने इसे देश के लिये हर्ष की अवसर बताते हुए कहा कि बुलेट ट्रेन दो मित्र देशों के भारत एवं जापान के बीच संबंधों में भाईचारे का प्रतीक होगी। यह प्रधानमंत्री मोदी के ‘न्यू इंडिया’ के सपने को पूरा करेगी। उन्होंने कहा कि गांधी जी की कर्मभूमि साबरमती में इस परियोजना का शुभारंभ होना गौरव की बात है जिनके जीवन में रेल के कारण ही बदलाव आया और नस्लीय भेदभाव की ट्रेन ने उन्हें समानता एवं स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ने की प्रेरणा मिली।

गोयल ने कहा कि भारतीय रेल दुनिया की आधुनिकतम तकनीक से जुड़ेगी और देश की आर्थिक तरक्की को और गति देगी। करीब 160 साल पुरानी भारतीय रेल का विगत चार पांच दशकों से तकनीक विकास जरूरत के मुताबिक नहीं हो पाने से अनेक संकटों में घिरी है। देश में शिन्कान्सेन तकनीक आने से भारतीय रेलवे तेजी से आगे बढ़ेगी। प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के माध्यम से भारत में मेक इन इंडिया के माध्यम से सस्ती बुलेट ट्रेनें बनेंगी जिन्हें निर्यात करके पैसा कमाया जा सकेगा। बुलेट ट्रेन की लागत में कमी आने से उस तकनीक से भारतीय रेल नेटवर्क को भी उन्नत बनाया जा सकेगा। इस प्रकार से यह परियोजना भारतीय रेलवे की शक्लो-सूरत बदलने वाली परियोजना है।

उच्च गति

राष्ट्र की प्रगति के ध्येय वाक्य से शुरू हुई इस परियोजना की लागत करीब एक लाख आठ हज़ार करोड़ रुपये होगी जिसके लिये जापान सरकार ने महज़ 0.1 प्रतिशत के ब्याज पर 50 साल की अवधि के लिये लगभग 88 हज़ार करोड़ रुपए का ऋण दिया है। इस 508 किलोमीटर लंबी इस परियोजना के शिलान्यास के साथ रेललाइन के लिये भूमि अधिग्रहण शुरू हो जाएगा और स्टेशन, यार्ड एवं प्रशिक्षण संस्थान का निर्माण आरंभ हो जाएगा।

अगले साल के मध्य तक पूरी परियोजना का समग्र निर्माण शुरू होगा। पूरे मार्ग में 92 प्रतिशत यानी 468 किलोमीटर मार्ग एलिवेटेड, छह प्रतिशत यानी 27 किलोमीटर सुरंग और दो प्रतिशत यानी 13 किलोमीटर भूमि पर होगा।

सूत्रों के अनुसार, प्रशिक्षण संस्थान वर्ष 2020 के अंत तक काम करना शुरू कर देगा आैर अगले तीन साल में चार हज़ार कर्मियों को परिचालन एवं अनुरक्षण में प्रशिक्षित करेगा। सिम्युलेटर आदि अत्याधुनिक यंत्रों से सुसज्जित यह प्रशिक्षण संस्थान मानव संसाधन विकास के लिये विदेशों पर निर्भरता को दूर करेगा। इसमें देश में डायमंड चतुर्भुज हाईस्पीड कॉरीडोरों के विकास के लिये भी प्रशिक्षण जरूरतें पूरी की जायेंगी।

सूत्रों ने बताया कि इस परियोजना के लिये भारतीय रेलवे के 300 युवा अधिकारी जापान में हाईस्पीड ट्रैक प्रौद्योगिकी का प्रशिक्षण ले रहे हैं। जापान की सरकार ने भी मानव संसाधन विकास की जरूरतों को देखते हुये अपने देश के विश्वविद्यालयों में भारतीय रेलवे के अधिकारियों के लिये मास्टर्स प्रोग्राम के लिये 20 सीट प्रतिवर्ष आरक्षित की है।

बुलेट ट्रेन परियोजना को मेक इन इंडिया कार्यक्रम से भी जोड़ा गया है। जापान इसके लिये प्रौद्योगिकी हस्तांतरण भी करेगा। इस परियोजना को पूरा करने का लक्ष्य दिसंबर 2023 तय किया गया था लेकिन प्रधानमंत्री ने इसके लिये 15 अगस्त 2022 की नयी समयसीमा निर्धारित की है ताकि देश की आज़ादी की 75वीं वर्षगांठ पर देश को यह नयी सौगत पेश की जा सके। इस परियोजना में तकरीबन 4000 लोगों को प्रत्यक्ष एवं 20 हजार लोगों को परोक्ष रोज़गार मिलेगा जबकि निर्माण कार्य में भी 20 हज़ार से अधिक कामगारों को रोज़गार हासिल होगा।

जापान के प्रधानमंत्री एवं उनकी पत्नी आकी आबे भारत की दो दिन की यात्रा पर कल यहां पहुंचे जहां प्रधानमंत्री मोदी ने प्रोटोकॉल तोड़ कर सरदार पटेल अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उनकी अगवानी की। इसके बाद श्री मोदी और आबे दंपत्ति खुली जीप में सवार हो कर रोड शो करते हए हवाई अड्डे से साबरमती नदी के तट पर स्थित गांधी आश्रम पहुंचे। अहमदाबाद की सड़कों पर उमड़े जनसमूह के उत्साह से मेहमान नेता अभिभूत दिखे। शाम को भारतीय परिधान में सजे धजे जापानी प्रधानमंत्री एवं उनकी पत्नी ने मोदी के साथ विश्व धरोहर सिद्धी सैयद की जाली मस्जिद का भ्रमण किया।

शिलान्यास समारोह के बाद दाेनों नेता गांधीनगर में दांडी कुटीर संग्रहालय का भ्रमण करेंगे और फिर महात्मा मंदिर कन्वेशन सेंटर में 12वीं भारत जापान वार्षिक शिखर बैठक में भाग लेंगे। दोपहर बाद दोनों नेता भारत जापान बिज़नेस फोरम को संबोधित करेंगे। शाम को मुख्यमंत्री रूपाणी जापानी मेहमानों के सम्मान में भोज देंगे और देर रात आबे टोक्यो के लिये रवाना हो जाएंगे।


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