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 फिल्म जगत एक बाजार है : मुंतशिर

बाहुबली' के लेखक मनोज मुंतशिर का कहना है कि फिल्म उद्योग एक बाजार है और हर बाजार के अपने नियम होते हैं

 फिल्म जगत एक बाजार है : मुंतशिर
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नई दिल्ली। बाहुबली' के लेखक मनोज मुंतशिर का कहना है कि फिल्म उद्योग एक बाजार है और हर बाजार के अपने नियम होते हैं।
मुंतशिर ने ईमेल पर "फिल्म उद्योग एक बाजार है और हर बाजार के अपने नियम होते हैं। पहली चीज- लाइमलाइट जो सबसे अधिक बिकने वाली वस्तुओं पर केंद्रित होती है।"
उन्होंने कहा, "जब तक आपके शब्द बड़े टिकट कलाकारों, विदेशी लोकेशन्स, कई करोड़ों के बजट पर निर्भर होते हैं तब तक सम्मान और प्रशंसा को भूल जाएं।"

यह पूछे जाने पर कि गीतकार और संवाद लेखकों को बॉलीवुड में अपनी मेहनत के अनुरूप पैसा मिल रहा है या नहीं, उन्होंने कहा, "जब आपके शब्दों की पहचान होने लगती है तो आपको इन सब पर निर्भर नहीं रहना पड़ता और लाइमलाइट अपने आप आपके पास आ जाती है।"

भविष्य की परियोजनाएं को लेकर उन्होंने कहा, "मुझे काम में डूबे रहना पसंद है। जब मैं नहीं लिख रहा होता हूं तो मुझे नहीं पता होता कि मैं अपने समय का क्या करूं? जाहिर है, कई परियोजनाएं साथ चल रही हैं - साइना नेहवाल की बायोपिक, 'चीट इंडिया', 'बॉडी' और 'नोटबुक' के गीतों के बोल लिख रहा हूं।"


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