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कोरोना के खिलाफ लड़ाई अभी लंबी है: शिवराज सिंह चौहान

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में कोरोना की गति को नियंत्रित किया गया है लेकिन लड़ाई अभी लंबी है

कोरोना के खिलाफ लड़ाई अभी लंबी है: शिवराज सिंह चौहान
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भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में कोरोना की गति को नियंत्रित किया गया है लेकिन लड़ाई अभी लंबी है।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश के 18 जिलों के क्राइसिस मैनेजमेंट समूहों के सदस्यों से कल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से चर्चा में कहा कि मध्यप्रदेश में कोरोना की गति को नियंत्रित किया गया है। प्रदेश में नए कोरोना मरीजों की तुलना में अधिक मरी स्वस्थ हो रहे हैं। एक्टिव प्रकरण जो 94 हजार से अधिक हो गए थे, अब 90 हजार 796 हो गए हैं। परंतु लड़ाई अभी लंबी है। संक्रमण की चेन तोड़ना आवश्यक है। इसे तोड़ने के लिये सभी जिले प्रभावी कार्रवाई करें।

उन्होंने कहा कि जिन जिलों में पॉजिटिविटी रेट अधिक है, कोरोना कर्फ्यू सख्ती से लागू करें। सर्दी, खाँसी, जुकाम होने पर मरीज की जाँच करें, जाँच की रिपोर्ट का इंतजार नहीं करें, उन्हें आइसोलेट करें तथा तुरंत मेडिकल किट देकर दवा चालू करें। सभी जिलों में कोविड-19 सेंटर्स का बेहतर संचालन सुनिश्चित किया जाए। जिन मरीजों के घर में होम आइसोलेशन के लिए स्थान नहीं है, उन सभी को कोविड केयर सेंटर्स में रखा जाए। इन सेंटर पर मेडिकल किट, नाश्ता, भोजन आदि सभी व्यवस्थाएँ उपलब्ध रहें।

इस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में जबलपुर, रीवा, नरसिंहपुर, सिंगरौली, सीधी, पन्ना, सतना, सागर, शहडोल, कटनी, छतरपुर, सिवनी, मंडला, बालाघाट, उमरिया, डिंडोरी, छिंदवाड़ा तथा दमोह जिलों से प्रभारी मंत्रीगण, प्रभारी अधिकारीगण तथा क्राइसिस मैनेजमेंट समूह के सदस्यगण शामिल हुए। चर्चा में उन्होंने मुख्यमंत्री को अपने जिलों में कोरोना की रोकथाम, कोरोना कर्फ्यू के संबंध में उपायों और व्यवस्थाओं की जानकारी दी।

इस दौरान चौहान ने बताया कि केन्द्र सरकार से मध्यप्रदेश को 92 हजार रेमडेसिविर इंजेक्शन का कोटा प्राप्त हुआ। आगे भी ये इंजेक्शन आवश्यकतानुसार मिलते रहेंगे। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए लोगों को शादियों को आगे बढ़ाने की सलाह दी जाए। ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों का घर-घर स्वास्थ्य सर्वे किया जाए और उन्हें मेडिकल किट वितरित की जाएं। सामान्य बीमारियों के लिए भी उन्हें दवाएँ दी जायें।


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