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कर्नाटक में नेताओं के भाग्य का पिटारा खुलना हुआ शुरू

कर्नाटक विधान सभा चुनाव के लिए मतों की गिनती शुरू हो गई है। अगले कुछ घंटों में यह स्पष्ट हो जाएगा कि कर्नाटक की जनता ने अपना जनादेश किसे दिया है

कर्नाटक में नेताओं के भाग्य का पिटारा खुलना हुआ शुरू
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नई दिल्ली, कर्नाटक विधान सभा चुनाव के लिए मतों की गिनती शुरू हो गई है। अगले कुछ घंटों में यह स्पष्ट हो जाएगा कि कर्नाटक की जनता ने अपना जनादेश किसे दिया है। इस चुनाव में राज्य के मुख्यमंत्री एवं भाजपा नेता बसवराज बोम्मई, पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस नेता सिद्दारमैया , डी के शिवकुमार , जेडीएस के एच डी कुमारस्वामी और भाजपा से बगावत कर कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार सहित कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। राज्य का पिछले 38 सालों का रिकॉर्ड यह बताता है कि कर्नाटक की जनता ने हर चुनाव में बदलाव के लिए वोट किया है और ऐसे में यह जाहिर है कि राज्य का चुनावी इतिहास भाजपा के खिलाफ है।

हालांकि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सहित कई राज्यों में भाजपा की जीत का इतिहास सामने रखते हुए भाजपा कर्नाटक में इस बार पूर्ण बहुमत हासिल करने का दावा कर रही है। भाजपा के लिए 2024 में होने वाले लोक सभा चुनाव और ' मिशन दक्षिण भारत' में कामयाबी हासिल करने और अपने कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने के लिए कर्नाटक में सरकार बनाना बहुत जरूरी है।

यही वजह है कि भाजपा के तमाम नेता एग्जिट पोल के आंकड़ों को झुठलाते हुए भले ही राज्य में पूर्ण बहुमत हासिल करने का दावा कर रहे हों लेकिन सूत्रों के मुताबिक, भाजपा ने प्रदेश में सरकार बनाने के लिए ' प्लान बी' पर भी काम करना शुरू कर दिया है। अगर राज्य में किसी भी तरह से त्रिशंकु विधान सभा बनती है और भाजपा 2018 के पिछले चुनाव की तरह पूर्ण बहुमत हासिल करने से चूक जाती है तो पार्टी जेडीएस के साथ समझौता करने का कोई फॉर्मूला बना सकती है।


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