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 किसानों ने छह जून को पंजाब में हड़ताल समाप्त करने की घोषणा की

किसान संगठनाें की ओर से 1 से 10 जून तक की जा रही ‘गांव बंद‘ हड़ताल को 6 जून से पंजाब में वापिस लेने का ऐलान आज यहां कुछ किसान संगठनों ने किया

 किसानों ने छह जून को पंजाब में हड़ताल समाप्त करने की घोषणा की
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लुधियाना। किसान संगठनाें की ओर से 1 से 10 जून तक की जा रही ‘गांव बंद‘ हड़ताल को 6 जून से पंजाब में वापिस लेने का ऐलान आज यहां कुछ किसान संगठनों ने किया।

किसान संगठनों की एक बैठक के बाद यह निर्णय लिया गया, जिसका ऐलान संगठनों की ओर से सर्कट हाउस में पत्रकार वार्ता में किया गया। बैठक में भारतीय किसान यूनियन (राजेवाल), भाकियू (लक्खोवाल), भाकियू (सिद्धूपुर), इंडियन फार्मर एसोसिएशन, भाकियू (कादियां) व प्रोग्रेसिव डेयरी फार्मर्स एसोसिएशन (पीडीएफए) शामिल रहीं।

भाकियू राजेवाल के प्रमुख बलबीर सिंह राजेवाल ने बताया कि किसान संगठनों की ओर से आंदोलन में शामिल जत्थेबंदियों के नेताओं की बैठक में आंदोलन के हालात पर संतुष्टि जाहिर की गई है। उन्होंने कहा कि पीडीएफए व अन्य दूध उत्पादकों की ओर से उठाई समस्याओं पर इस दौरान विचार किया गया। सभी नेताओं ने महसूस किया कि अब तक पीडीएफए व सभी दूध उत्पादकों सहित समूचे किसानों ने शांतिमय तरीके से आंदोलन में हिस्सा लिया है और इसके लिए उन्हाेंने सबके प्रति आभार भी व्यक्त किया। श्री राजेवाल के अनुसार किसानों में हालांकि इस बात को लेकर रोष है कि सरकार की ओर से अलग-अलग खुफिया एजेंसियों व अन्य तरीकों के जरिए उनके आंदोलन को दबाने की कोशिश की जा रही है।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार इस आंदोलन की सफलता से घबरा गई है और किसानों को आपस में लड़ाना चाहती है। जिसके चलते पीडीएफए के निवेदन को मानते हुए, 1 से 10 जून तक की जा रही हड़ताल को 6 जून से पंजाब में समाप्त करने का निर्णय लिया गया है और 6 जून को मध्य प्रदेश में पिछले साल आंदोलन में शहीद होने वाले छह किसानों को श्रद्धांजलि देने के बाद समाप्त कर दिया जाएगा। हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कि स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट लागू करने, कृषि कर्ज को माफ करने सहित किसानों की अन्य मांगों को लेकर उनका संघर्ष जारी रहेगा।

इस दौरान उन्होंने गत दिवस केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन की ओर से किसान आंदोलन को लेकर की गई इस टिप्पणी, किसान प्रचार के लिए आंदोलन कर रहे हैं, की भी निंदा की।


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