स्वतंत्रता संग्राम सेनानी का परिवार आदेश हाथ में लेकर दर दर भटक रहा
ग्राम रावन स्थित सीमेंट संयत्र की मनमानी के कारण स्वतंत्रता संग्राम सेनानी का परिवार हाईकोर्ट और लेबरकोर्ट का आदेश हाथ में लेकर दर दर भटक रहा

तिल्दा - नेवरा। ग्राम रावन स्थित सीमेंट संयत्र की मनमानी के कारण स्वतंत्रता संग्राम सेनानी का परिवार हाईकोर्ट और लेबरकोर्ट का आदेश हाथ में लेकर दर दर भटक रहा है। पीड़ित परिवार ने राष्ट्रपति को पत्र लिख कर इच्छा मृत्यु की अनुमति मांगी है।
फ्रीडम फाइटर शंकरलाल वर्मा के पोते पोषण वर्मा ने मुलाकात करने गये आम आदमी पार्टी के बलौदाबाजार विस. के संगठन मंत्री हरिशंकर वर्मा को बताया कि संयत्र में 4 एकड़ जमीन हमारी भी निकली है।सन् 94 में मिली नोकरी को 98 में स्थायी किया गया।तथा 30 दिस.2002 को नोकरी से हटा दिया गया।
पांच साल बाद फरवरी 07 में लेबरकोर्ट ने 30 दिन के अंदर पुन: सर्विस देने का आदेश पारित किया,जिसे 18 सितंबर को राज्य औद्योगिक न्यायालय ने खारिज कर दिया।15 अक्टूबर 07 से हाईकोर्ट में लड़ाई लड़ी।लगभग दस साल बाद 22 मई 17 को लेबरकोर्ट के आदेश को बरकरार रखते हुए हाईकोर्ट ने तत्काल प्रभाव से नोकरी पर लिए जाने का आदेश पारित किया।किंतु संयत्र प्रबंधन आदेश मानने को तैयार ही नहीं है।हमने प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को भी पत्र भेजा है। 2 जुलाई से धरना दिया,4 जुलाई से भूख हड़ताल शुरू की तो 6 जुलाई की शाम को सुहेला थाना प्रभारी और तहसीलदार ने धमका चमका कर उठा दिया। प्रशासन पूरी तरह संयत्र प्रबंधन के साथ है, हमारी कोई सुन ही नहीं रहा है।
उधर बलौदाबाजार के जिला कलेक्टर जे.पी.पाठक ने ें कहा है कि प्रबंधन से चर्चा कर हाईकोर्ट के आदेश का पालन कराने का प्रयास किया जायेगा। आम आदमी पार्टी के कमल महान,हरिशंकर वर्मा,भरतसिंह चौहान,मनहरण लाल वर्मा,भागीरथी जयसवाल, दिलीप फेकर आदि कार्यकर्ताओं ने शासन-प्रशासन से पीड़ित परिवार को अविलंब न्याय दिलाने की मांग की हैं।


