परिजनों ने जनरेटर में तेल डलवाया तब कराया गया महिला का प्रसव
नगर का सिविल अस्पताल डॉक्टरों की लापरवाही एवं कुप्रबंधन के कारण पूरे क्षेत्र में विख्यात हो चला है
खरसिया। नगर का सिविल अस्पताल डॉक्टरों की लापरवाही एवं कुप्रबंधन के कारण पूरे क्षेत्र में विख्यात हो चला है। फिर भी ग्रामीणों की अपेक्षाएं इस अस्पताल के प्रति कम नहीं हो रहीं। बड़ा एवं सौ बिस्तर अस्पताल होने के कारण ग्रामीण जन अपने चिकित्सा एवं प्रसव के लिए यहां आते तो हैं परंतु उन्हें इस अस्पताल की वास्तविकता का तब पता चलता है जब वे यहां की परेशानियों से रूबरू होते हैं।
कुप्रबंधन की एक और बानगी गुरुवार की रात को देखने को मिली, जब प्रसव के लिए आई महिला का ऑपरेशन करना आवश्यक हो चला था। ऐसे में डॉक्टर ललिता राठिया एवं डॉ.सजन अग्रवाल तो उपस्थित हो गए परंतु तीसरे डॉक्टर ने आने में काफी आनाकानी की।किसी तरह को उन्हें बुलवा तो लिया गया गया परंतु उस वक्त विषम स्थिति हो चली जब बिजली आपूर्ति बाधित हो गई और अस्पताल के जनरेटर में डीजल नहीं था ऐसे में मरीज के परिजनों ने तेल का इंतजाम किया तब कहीं जाकर कराहती हुई महिला की डिलीवरी करवाई गई।
हाल ही में जॉइंट डायरेक्टर ठाकुर मैडम ने अस्पताल का जायजा लिया था। उन्होंने सारी व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने की बात भी कही थी फिर भी व्यवस्था में कोई सुधार नहीं हो पाया। इस तरह का कुप्रबंधन कभी भी मरीजों की जान ले सकता है।इस विषम स्थिति के संबंध में जब प्रभारी डॉक्टर सज्जन अग्रवाल से संपर्क किया गया तब उन्होंने बताया कि इस लापरवाही के मद्देनजर जीवनदीप समिति के इलेक्ट्रीशियन एवं केयरटेकर को निलंबित कर दिया गया है।


