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मालिक से फिर से मिलने पर छलक पड़ती हैं कुत्तों की आंखें

एक नए शोध से पता चला है कि कुत्ते पांच से सात घंटे के बाद अपने मालिक से दोबारा मिलने पर आंसू बहाते हैं.

मालिक से फिर से मिलने पर छलक पड़ती हैं कुत्तों की आंखें
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कुत्ते के मालिक इस बात से सहमत हो सकते हैं कि जब वह दोबारा अपने पालतू जानवर से मिलते हैं तो वह कितना उत्साहित होता है. अब एक नए शोध से पता चला है कि कुत्ते अपने मालिकों के साथ दोबारा मिलने पर आंसू बहाते हैं. जर्नल करंट बायोलॉजी में सोमवार को प्रकाशित शोध में बताया गया कि शिमर टेस्ट से कुत्तों की आंखों में आंसू की मात्रा को मापा गया. इस टेस्ट के दौरान कुत्तों की पलकों के नीचे खास पट्टी रखी गई. शोधकर्ताओं ने इस शोध को करने के लिए कुत्ते और उसके मालिक की सामान्य मुलाकात के दौरान आंसू की मात्रा को आधार बनाया और फिर इसकी तुलना पांच से सात घंटे के अंतराल के बाद उनकी आंखों में आंसुओं की मात्रा से की गई.

इससे पता चला कि कुत्तों ने अपने मालिकों के साथ दोबारा मिलने के पहले पांच मिनट में आंसू बहाने में "काफी" वृद्धि की.

जापान की अजाबू यूनिवर्सिटी के शोध के लेखकों में से एक टेकफुमी किकुसुई ने कहा, "हमने इस खोज के बारे में पहले कभी नहीं सुना था कि जानवर खुशी की स्थिति में आंसू बहाते हैं, जैसे कि वह अपने मालिक के साथ दोबारा मिलने पर करते हैं."

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लव हार्मोन है प्रतिक्रिया के लिए जिम्मेदार

ऑक्सीटॉसिन या "लव हार्मोन" को इस तरह की प्रतिक्रिया के लिए जिम्मेदार माना जाता है. इंसानों में आपसी जुड़ाव और भरोसा पैदा करने या मां और बच्चे के बीच संबंध को मजबूत करने में ऑक्सीटॉसिन अहम भूमिका निभाता है. बच्चे की पैदाइश या बच्चे को दूध पिलाने जैसे कामों में शरीर से प्राकृतिक ढंग से ऑक्सीटॉसिन निकलता है.

किकुसुई और उनके साथियों को इस शोध का आइडिया तब आया जब उन्होंने अपनी एक डॉगी को अपने पिल्लों के साथ देखा. उन्होंने बताया कि जब डॉगी अपने बच्चों को दूध पिला रही थी तब उसकी आंखों में आंसू थे. किकुसुई कहते हैं, "इससे मुझे यह विचार आया कि ऑक्सीटॉसिन आंसू की मात्रा बढ़ा सकता है."

कुत्तों के साथ इंसान के साथ रिश्ते

शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि अन्य परिचितों से मिलने की तुलना में कुत्तों की आंखों में अपने मालिक से दोबारा मिलने पर आंसू की मात्रा अधिक थी. वैज्ञानिकों ने तब यह परीक्षण करने की कोशिश की कि क्या आंसुओं का मालिकों पर भावनात्मक प्रभाव पड़ सकता है. उन्होंने मालिकों से कृत्रिम आंसू के साथ और उसके बिना अपने कुत्तों की विभिन्न तस्वीरों की रैंकिंग देने को कहा जिससे पता चल सके कि वे उनकी कितनी देखभाल करना चाहते हैं.

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उन्होंने पाया कि कृत्रिम आंसू वाले कुत्ते की तस्वीरों को बिना आंसू वाले कुत्ते की तस्वीरों की तुलना में काफी अधिक स्थान दिया गया था. किकुसुई ने बताया कि "यह संभव है कि मालिक के साथ मुलाकात के दौरान आंखों में आंसू दिखाने वाले कुत्तों की देखभाल मालिक द्वारा अधिक की जाती होगी."


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