बिहार की राजनीति में फिर से 'चंदन' और 'भुजंग' की एंट्री, भाजपा ने नीतीश से पूछे सवाल
बिहार में चल रही राजनीतिक सरगर्मियों के बीच अब 'चंदन कुमार' और 'भुजंग प्रसाद' की फिर से इंट्री हो चुकी है

पटना। बिहार में चल रही राजनीतिक सरगर्मियों के बीच अब 'चंदन कुमार' और 'भुजंग प्रसाद' की फिर से इंट्री हो चुकी है। नीतीश कुमार के एक पुराने ट्वीट का स्क्रीनशॉट लगाते हुए भाजपा प्रदेश डॉ संजय जायसवाल ने चुटकी ली है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से ट्वीट कर सवाल करते हुए लिखा कि नीतीश कुमार सजायाफ्ता लालू और जमानत पर बाहर तेजस्वी के साथ भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई कैसे लड़ेंगे? उन्होंने इसका उत्तर भी खुद देते हुए आगे लिखा, उन्होंने ही कभी कहा था कि 'चंदन विष व्यापत नहीं, लिपटत रहत भुजंग'।
उन्होंने आगे लिखा कि नीतीश कुमार को बताना चाहिए कि इस 'ठगबंधन' में 'चंदन' कौन है और 'भुजंग' कौन है।
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने नीतीश कुमार से पूछा कि स्वघोषित भावी पीएम उम्मीदवार यह भी बताएं कि ठगबंधन पार्ट-1 में विष किसने फैलाया था? आपने या तब आपको 'जहर का घूंट' कहने वालों ने? ठगबंधन पार्ट-2 में भी कोई 'भुजंग' है क्या? या आपने अपनी 'कला' से 'विषदंत' तोड़ दिए हैं?
गौरतलब हो कि 2015 के विधानसभा चुनाव में जदयू द्वारा सोशल मीडिया पर आयोजित एक कार्यक्रम में नीतीश कुमार जनता से लाइव मुखातिब हुए थे।
इसी कार्यक्रम में एक व्यक्ति ने लालू प्रसाद पर शंका जाहिर करते हुए नीतीश से सवाल पूछा था कि यदि इस चुनाव में आप राजद के साथ जीतते हैं और अगर उनकी सीटों की संख्या ज्यादा होती है तो आप लालू के साथ बिहार का विकास कैसे करेंगे?
इसका जवाब देते हुए नीतीश कुमार ने रहीम के प्रसिद्ध दोहे ' जो रहीम उत्तम प्रकृति, का करि सकत कुसंग। चंदन विष व्यापत नहीं, लपटे रहत भुजंग।
उन्होंने माना था कि जैसे चंदन पर सांप लिपटे होने के बावजूद जहर का असर नहीं होता है, वैसे ही उन पर गलत संगत का असर नहीं पड़ेगा।
नीतीश के इस जवाब ने तब काफी सुर्खियां बटोरी थीं। यहां तक कि इन्हीं चुनावों के दरम्यान गांधी मैदान में परिवर्तन रैली को संबोधित हुए प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी ने भी नीतीश के इस ट्वीट के जरिए नीतीश-लालू दोनों पर निशाना साधा था।
उन्होंने कहा था कि, "निजी सियासी लाभ के लिए गठबंधन (राजद-जदयू) तो कर लिया। लेकिन चुनाव के बाद उनका जहर उगलना तय है। कुछ लोगों ने जहर पिया है, वे चुनाव के बाद उसे उगलेंगे। यह जहर जनता की थाली में ही गिरेगा और जनता मरेगी। बिहार को न जहर पीने वाले की जरूरत है और न जहर पिलाने वाले की। बिहार में कौन भुजंग प्रसाद है और कौन चंदन कुमार, यह पता नहीं।"


