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बरामदे में सो रहे बाप-बेटे को हाथी ने कुचला, बेटे की मौत

ओडिशा के ढेंकानाल जिले में गुरूवार रात को बरामदे में सो रहे बाप-बेटे को हाथी ने कुचल दिया

बरामदे में सो रहे बाप-बेटे को हाथी ने कुचला, बेटे की मौत
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भुवनेश्वर। ओडिशा के ढेंकानाल जिले में गुरूवार रात को बरामदे में सो रहे बाप-बेटे को हाथी ने कुचल दिया। इसमें पांच वर्षीय बेटे की मौत हो गई है जबकि पिता अस्पताल में जीवन एवं मृत्यु से संघर्ष कर रहा है। यह दर्दनाक घटना कामाख्या नगर के पश्चिमांचल रेंज अंलावेरणी फारेस्ट सेक्शन अन्तर्गत महुलडगर गांव में घटी है। मृतक बच्चे का नाम ऋषि जेरेई है। उसके पिता का नाम रसानंद जेरेई है, जिसका ढेंकानाल जिला मुख्य अस्पताल में इलाज चल रहा है। हाथी के इस हमले के बाद उक्त गांव के लोगों में दहशत का माहौल है। लोगों ने वन विभाग के ठोस कदम उठाने की मांग की है।

खबर के मुताबिक पिछली रात को रसानंद के परिवार के लोग घर के अन्दर सोये थे जबकि रसानंद अपने पांच साल के बेटे के साथ बरामदे में सो रहे थे। देर रात को एक नर हाथी उनके घर के बरामदे में आ गया। हाथी ने पहले रसानंद को सूंड से उठाकर पटक दिया। इसके बाद उनके पांच वर्षीय बेटे को मुंह से कुचल दिया। रसानंद को पहले कामाख्यानगर अस्पताल ले जाया गया। अवस्था गम्भीर होने से प्राथमिक इलाज के बाद उन्हें ढेंकानाल जिला मुख्य अस्पताल को स्थानांतरित कर दिया गया। हाथी की इस तरह की हरकत के बाद स्थानीय इलाके के लोगों में दहशत का माहौल बना हुआ है।

गौरतलब है कि वर्ष 2014 से 2022 के बीच राज्य में हाथी-मनुष्यों की लड़ाई की 1145 घटनाएं हो चुकी हैं। इसमें अब तक 730 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 657 लोग घायल हुए हैं। हाथी-इंसान की लड़ाई में न सिर्फ इंसान अपनी बेशकीमती जान गंवा रहे हैं, बल्कि इसमें हाथी भी मर रहे हैं। अप्रैल 2014 से 18 जनवरी 2022 तक 611 हाथियों की मौत हो चुकी है। इसमें से 191 हाथियों की मौत अप्राकृतिक है जबकि 90 हाथियों की बिजली गिरने से मौत, 77 हाथियों का शिकारियों ने किया शिकार, 24 हाथियों की सड़क दुर्घटना में मौत हुई। हालांकि, 143 हाथियों की मौत का कारण अभी स्पष्ट नहीं है।


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