एशियाड में स्वर्ण जीतने का सपना पूरा करना है : सुशील
देश के दिग्गज पहलवान सुशील कुमार गोल्ड कोस्ट राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीतने की हैट्रिक पूरी करने के बाद अब एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने का अपना सपना पूरा करना चाहते हैं

नई दिल्ली। देश के दिग्गज पहलवान सुशील कुमार गोल्ड कोस्ट राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीतने की हैट्रिक पूरी करने के बाद अब एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने का अपना सपना पूरा करना चाहते हैं और इसे उन्होंने अर्जुन की तरह फिलहाल अपना एकमात्र लक्ष्य बना रखा है। ओलम्पिक में लगातार दो बार पदक और राष्ट्रमंडल खेलों में लगातार तीन स्वर्ण पदक जीतने वाले एकमात्र भारतीय खिलाड़ी सुशील ने कहा, मुझे इस बात अब तक मलाल है कि मैं एशियाई खेलों में देश के लिए स्वर्ण पदक नहीं जीत पाया हूं।
यह बात हमेशा मेरे दिमाग में रहती है और इस बार एशियाई खेलों में इस सपने को पूरा करने के लिए मैं जी जान लगा दूंगा। उल्लेखनीय है कि सुशील ने 2006 के दोहा एशियाई खेलों में कांस्य पदक जीता है। गोल्ड कोस्ट में स्वर्णिम हैट्रिक पूरी कर स्वदेश लौटने के बाद से अपनी ट्रेनिंग में फिर से जुट गए सुशील ने कहा, मेरी ट्रेनिंग जारी है और मैं कभी विश्राम नहीं करता। मुझे अभी एक टूर्नामेंट खेलना है और उसके बाद मैं एशियाई खेलों में उतरूंगा। सुशील ने अपनी फिटनेस के बारे में पूछे जाने पर कहा, मैं अभी पूरी तरह फिट हूं। विदेशी जॉर्जियाई कोच व्लादिमीर, गुरु महाबली सतपाल और कोच विनोद तथा वीरेंद्र के साथ मेरी ट्रेनिंग अच्छी चल रही है। अभी एक दिन ट्रेनिंग के समय व्लादिमीर और गुरु जी मौजूद थे।
व्लादिमीर का पूरी दुनिया में काफी सम्मान है और उन्होंने कहा था कि अनुभव के मामले में मैं पहले से कहीं बेहतर हो चुका हूं और मुझे मालूम है कि कब और किस समय मुझे कौन सा दांव खेलना है। सुशील ने कहा, मेरा मानना है कि जब मैं पूरी तरह फिट रहूं तभी मुझे मैट पर उतरना चाहिए। मैंने 2012 में एक बड़ी गलती की थी जिससे मुझे सबक मिला था कि फिट रहकर ही मैदान में उतरना चाहिए। उस समय मैं कोलोराडो स्प्रिंग्स में एक टूर्नामेंट खेलने गया था, वहां मेरा प्रदर्शन काफी अच्छा रहा था लेकिन मेरे कंधे पर चोट लग गयी थी और इस चोट के साथ मैं एशियन चैंपियनशिप में उतरा था जिसका मुझे नुकसान उठाना पड़ा था। अब मैं कोई भी चोट पूरी तरह ठीक होने के बाद ही मैट पर उतरता हूं।
दिग्गज पहलवान ने राष्ट्रमंडल खेलों में महाबली सतपाल से मिली प्रेरणा पर कहा, महाबली का मुझ पर विशेष आशीर्वाद है। मैं खुशनसीब हूं कि उन जैसा गुरु मेरे पास है। महाबली सतपाल गोल्ड कोस्ट खेलों के समय गोल्ड कोस्ट में मौजूद थे और उन्होंने अपनी मौजूदगी से सुशील का उत्साह बढ़ाया था।


